1. अमेरिका: तकनीकी महारथ
मुख्य ताकत: Minuteman III, Trident II, Tomahawk, THAAD
हाइपरसोनिक: AGM-183 ARRW (विकासाधीन)
एंटी-मिसाइल डिफेंस: Patriot, Aegis, THAAD
अमेरिका दशकों से मिसाइल टेक्नोलॉजी में अग्रणी रहा है। उसके पास न्यूक्लियर ट्रायड (ज़मीन, हवा और समुद्र से परमाणु हमले की क्षमता) पूरी तरह कार्यरत है। Trident II जैसी मिसाइलें 12,000 किमी से अधिक रेंज के साथ विश्व की सबसे घातक मिसाइलों में शामिल हैं। हालांकि हाइपरसोनिक हथियारों की रेस में अमेरिका कुछ कदम पीछे माना जा रहा है।
2. रूस: हाइपरसोनिक का सिरमौर
मुख्य ताकत: RS-28 Sarmat (Satan-2), Avangard, Zircon
हाइपरसोनिक: Avangard (Mach 27), Kinzhal
एंटी-मिसाइल डिफेंस: S-400, S-500
रूस ने मिसाइल रेस में अपनी ताकत विशेष रूप से हाइपरसोनिक हथियारों के जरिए स्थापित की है। Avangard जैसी मिसाइलें ध्वनि की गति से 27 गुना तेज हैं और इन्हें वर्तमान में कोई भी रक्षा प्रणाली रोकने में सक्षम नहीं है। Sarmat (सैतान-2) ICBM एक साथ कई न्यूक्लियर वारहेड्स ले जा सकती है और अमेरिका तक पहुंच सकती है।
3. चीन: तेजी से उभरती मिसाइल सुपरपावर
मुख्य ताकत: DF-41 (ICBM), DF-17 (हाइपरसोनिक), CJ-10
स्पेशल सिस्टम: ASAT (Anti-Satellite), Hypersonic Glide Vehicle
चीन ने पिछले एक दशक में मिसाइल तकनीक में जबरदस्त छलांग लगाई है। उसका DF-41 ICBM 15,000 किमी तक मार करने में सक्षम है और एक साथ 10 परमाणु वारहेड ले जा सकता है। DF-17 एक अत्याधुनिक हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन है, जो चीन को इस क्षेत्र में रूस के बाद सबसे आगे लाता है।
4. भारत: आत्मनिर्भर और तेजी से बढ़ती ताकत
मुख्य ताकत: अग्नि-5 (ICBM), ब्रह्मोस (सुपरसोनिक), पृथ्वी, नाग, शौर्य
हाइपरसोनिक: HSTDV (सफल परीक्षण)
ASAT क्षमता: मिशन शक्ति
भारत ने सीमित संसाधनों के बावजूद स्वदेशी मिसाइल प्रणाली विकसित करने में अभूतपूर्व सफलता पाई है। अग्नि-5 ICBM की रेंज 5,000 किमी से अधिक है और यह पूरे चीन को कवर कर सकती है। भारत-रूस की संयुक्त परियोजना ब्रह्मोस को दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है। साथ ही, भारत ने सफलतापूर्वक एंटी-सैटेलाइट (ASAT) परीक्षण कर यह दिखा दिया है कि वह अंतरिक्ष में भी अपनी रक्षा कर सकता है।
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