नई दिल्ली: भारत रक्षा क्षेत्र में नई क्रांति ला रहा है। देश की प्रमुख रक्षा अनुसंधान संस्था DRDO द्वारा विकसित तीन प्रमुख हथियार प्रणालियों रुद्रम-4 मिसाइल, पिनाका-4 मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम और I-STAR निगरानी विमान ने दुनिया की नजरें भारत पर केंद्रित कर दी हैं। ये हथियार भारत की सुरक्षा को और मजबूत करने के साथ-साथ आत्मनिर्भरता की दिशा में भी बड़ी छलांग हैं।
1 .रुद्रम-4: हवा में पकड़ से बाहर
रुद्रम-4 मिसाइल हाइपरसोनिक स्पीड (मैक 5 से ऊपर) पर उड़ान भर सकती है, जिससे यह दुश्मन के अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम को भी चकमा दे सकती है। सुखोई-30, मिराज 2000 और राफेल जैसे लड़ाकू विमानों से इसे लॉन्च किया जा सकेगा। यह मिसाइल गहरे दुश्मन इलाकों में स्थित रडार और कम्युनिकेशन सिस्टम को नष्ट करने में सक्षम है।
2 .पिनाका-4: लंबी दूरी का सटीक निशाना
पिनाका-4 का मारक दायरा 300 किलोमीटर तक है, जो इसे सीमा पार गहरे दुश्मन ठिकानों पर हमला करने में सक्षम बनाता है। इसका 250 किलोग्राम का गाइडेड वारहेड सटीकता और प्रभावशीलता बढ़ाता है। निजी कंपनियों के सहयोग से इसका उत्पादन तेज़ी से हो रहा है।
4 .I-STAR: डिजिटल युद्ध का नया प्रहरी
I-STAR विमान सीमाओं पर 24x7 निगरानी रखेगा। इसके उन्नत सेंसर और रडार दुश्मन की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे, वह भी बिना सीमा पार किए। यह विमान भारतीय वायुसेना की नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध क्षमता को मजबूती देगा और खुफिया जानकारी तेजी से उपलब्ध कराएगा।
विश्लेषकों का कहना है कि ये तीनों हथियार भारत की सैन्य रणनीति को नई दिशा देंगे और क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन में बदलाव ला सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम न सिर्फ भारत की रक्षा क्षमता बढ़ाएगा, बल्कि वैश्विक रक्षा तकनीक में देश की प्रतिष्ठा भी मजबूत करेगा।
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