सीएम नीतीश के 7 बड़े फैसले: बिहार के विकास की नई रफ्तार

पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका सीधा असर राज्य के नागरिकों के जीवन, शिक्षा, बुनियादी ढांचे और सरकारी सेवाओं पर पड़ेगा। कुल 16 एजेंडों पर मुहर लगी, लेकिन उनमें से सात फैसले राज्य के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।

1. सड़कों की चौड़ाई, विकास की गति

पथ निर्माण विभाग के दो अहम प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई। पहला, NH-30 (सालेपुर-नरसडा-तेलमर-करौटा मार्ग) को दो लेन से बढ़ाकर चार लेन किया जाएगा। इस परियोजना पर ₹539.19 करोड़ खर्च होंगे। यह क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाकर व्यापार और यातायात को नया आयाम देगा।

2. राजगीर में सड़क से खेल को बढ़ावा

दूसरे फैसले में राजगीर खेल परिसर से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम तक 7.40 किमी लंबी फोर लेन सड़क के निर्माण की मंजूरी दी गई। ₹363.99 करोड़ की लागत वाली यह परियोजना भविष्य में खेल पर्यटन को बढ़ावा देगी और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए आधार तैयार करेगी।

3. सरकारी सेवकों को मिली राहत

वित्त विभाग ने सरकारी कर्मचारियों के लिए लंबित भविष्य निधि (PF) की निकासी को मंजूरी दी है। साथ ही गारंटी रिडेम्पशन फंड (GRF) में ₹1000 करोड़ के अग्रिम निवेश की स्वीकृति भी दी गई, जिससे सरकारी वित्तीय प्रबंधन में स्थिरता आएगी।

4. प्रतियोगी परीक्षाओं में शुल्क में छूट

राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए बिहार लोक सेवा आयोग और अन्य सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं में आवेदन शुल्क केवल ₹100 करने का निर्णय लिया है। यह फैसला खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के युवाओं के लिए अवसरों का दरवाजा खोलेगा।

5. पर्यटन को मिलेगी नई उड़ान

पर्यटन विभाग ने राजगीर में दो 5 सितारा होटल और वैशाली में एक 5 सितारा रिसॉर्ट बनाने की मंजूरी दी है। इससे बिहार के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय रोजगार को भी बल मिलेगा।

6. किसानों के लिए बाजारों में सुधार

कृषि विभाग ने ई-नाम योजना के तहत 20 बाजार प्रांगणों के लिए ₹6 करोड़ की स्वीकृति दी है। यह फैसला किसानों को उनकी उपज के लिए बेहतर कीमत और पारदर्शी व्यापार व्यवस्था सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

7. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में प्रोत्साहन

राज्य सरकार ने शिक्षकों की पुरस्कार राशि ₹15,000 से बढ़ाकर ₹30,000 कर दी है, जिससे शिक्षा कर्मियों का मनोबल बढ़ेगा। वहीं महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता नियमावली में भी संशोधन किया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और कार्यकर्ता संतुष्टि में सुधार आएगा।

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