AI से डॉक्टर की नौकरी पर खतरा, लेकिन नर्सिंग बनी रहेगी अनमोल

न्यूज डेस्क। आधुनिक टेक्नोलॉजी ने हमारी दुनिया को कई नई दिशा दी हैं, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इन बदलावों का सबसे बड़ा हिस्सा बनकर उभरा है। खासकर मेडिकल क्षेत्र में AI का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या आने वाले समय में डॉक्टरों की जगह AI ले सकता है? वहीं, नर्सिंग जैसे मानवीय पेशे की भूमिका पर इसका क्या असर होगा?

डॉक्टर की भूमिका पर AI का प्रभाव

Google DeepMind के सीईओ डेमिस हैसाबिस ने हाल ही में इस बात की चेतावनी दी है कि AI भविष्य में डॉक्टरों के कई कार्यों को टेकओवर कर सकता है। AI तेजी से मेडिकल डेटा को समझने, स्कैन रिपोर्ट को एनालाइज करने, और प्रारंभिक डायग्नोसिस देने में सक्षम हो गया है।

AlphaFold और MedPaLM जैसे AI मॉडल डॉक्टर्स की तुलना में पैटर्न पहचानने और एनालिटिकल कामों में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका मतलब है कि AI शुरुआती स्तर पर इलाज के सुझाव और उपचार योजनाएं बनाने में डॉक्टरों से बेहतर साबित हो सकता हैं।

नर्सिंग: इंसानियत की अनमोल भूमिका

हालांकि डॉक्टरों की तकनीकी भूमिका में AI की बढ़ती ताकत के बीच नर्सिंग की भूमिका को सुरक्षित माना जा रहा है। डेमिस हैसाबिस का कहना है कि नर्सिंग सिर्फ तकनीकी काम नहीं, बल्कि इंसानियत से जुड़ा पेशा है। नर्सिंग में आत्मीयता, सहानुभूति, और मनोवैज्ञानिक समर्थन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है, जो AI फिलहाल प्रदान नहीं कर सकता।

AI और नर्स के बीच तालमेल बेहतर

भविष्य में AI और डॉक्टरों के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिलेगा। AI के कारण डॉक्टर डेटा एनालिसिस जैसे कामों से मुक्त होकर मरीजों की मानसिक, भावनात्मक देखभाल पर ज्यादा ध्यान दे सकेंगे। वहीं नर्सिंग की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी। नर्सें मरीजों को भावनात्मक सपोर्ट देने के साथ-साथ AI के द्वारा सुझाए गए उपचारों को लागू करने में भी मदद करेंगी। इसलिए कहा जा सकता है कि नर्सिंग पेशा AI के युग में और भी ज्यादा अहमियत हासिल करेगा।

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