ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर लापरवाही
राज्य सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और डिजिटल बनाने के लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल शुरू किया गया था, ताकि छात्रों की उपस्थिति, पढ़ाई की गुणवत्ता और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। लेकिन नावानगर प्रखंड के 26 विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों ने इस प्रणाली को गंभीरता से नहीं लिया।
सबसे खराब स्थिति बराढही विद्यालय की
इन विद्यालयों में सबसे अधिक लापरवाही मध्य विद्यालय बराढही में देखी गई, जहां 158 विद्यार्थियों में से केवल 91 की उपस्थिति पोर्टल पर दर्ज की गई थी। इससे यह साफ होता है कि विद्यालयों में न केवल प्रशासनिक अनियमितताएं हैं, बल्कि छात्रों की वास्तविक उपस्थिति पर भी प्रश्नचिह्न लगते हैं।
प्रधानाध्यापकों के वेतन रोक और चेतावनी
BEO ने सभी 26 प्रधानाध्यापकों का वेतन रोकते हुए स्पष्ट कर दिया है कि यदि शीघ्र सुधार नहीं किया गया और प्रस्तुत स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। बीईओ के अनुसार, बार-बार सूचित करने के बावजूद प्रधानाध्यापक उपस्थिति दर्ज करने में लापरवाही बरत रहे थे। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 20 विद्यालयों ने अब तक इस कार्य की शुरुआत भी नहीं की थी।
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