यूपी में इन्हे नहीं मिलेगा मुफ्त अनाज, राशनकार्ड से हटेगा नाम

लखनऊ। सरकार ने मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे अपात्र लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें योजना से बाहर करने की कवायद तेज कर दी है। पहली बार केंद्र ने उन राशन कार्डधारकों का डाटाबेस तैयार किया है जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत चल रही मुफ्त अनाज योजना के लिए पात्र नहीं हैं। इसमें आयकरदाता, चार पहिया वाहन मालिक, कंपनियों के निदेशक और सरकारी कर्मचारी शामिल हैं।

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने आयकर विभाग, सड़क परिवहन मंत्रालय, कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों से मिले आंकड़ों का विश्लेषण कर अपात्र लाभार्थियों की सूची तैयार की है। यह डेटा 8 जुलाई 2025 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझा किया गया है।

राज्यों को सौंपा जिम्मा

खाद्य विभाग के अनुसार, अब राज्यों की जिम्मेदारी होगी कि वे इस सूची के आधार पर राशन कार्डों की समीक्षा करें और अपात्र कार्डधारकों के नाम हटाएं। साथ ही प्रतीक्षा सूची में शामिल वास्तविक गरीबों और जरूरतमंदों को योजना में शामिल किया जाए। यह काम 30 सितंबर 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने राज्यों को भेजे पत्र में लिखा है कि यह कदम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में पारदर्शिता लाने और सही लाभार्थियों तक अनाज पहुंचाने के लिए उठाया गया है।

PMGKAY के तहत मुफ्त अनाज

वर्तमान में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के तहत सभी NFSA लाभार्थियों को मुफ्त अनाज मिल रहा है। देशभर में 19.17 करोड़ राशन कार्ड धारकों के जरिए 76.10 करोड़ लोग इस योजना का लाभ ले रहे हैं। हालांकि सरकार के नियमों के अनुसार, जिन परिवारों की सालाना आय एक लाख रुपये या उससे अधिक है, जिनके पास चार पहिया वाहन है या जो आयकर देते हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।

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