बिहार में पहले जारी परीक्षा कार्यक्रम में 15 सितंबर को भी परीक्षा निर्धारित थी, जबकि उसी दिन जितिया व्रत भी पड़ रहा था। यह निर्णय शिक्षकों, खासकर महिला शिक्षकों के लिए चिंता का कारण बन रहा था। लेकिन अब शिक्षा विभाग ने संवेदनशीलता दिखाते हुए इस तिथि को हटाकर अर्द्धवार्षिक परीक्षा के पूरे शेड्यूल में बदलाव कर दिया है।
संशोधित परीक्षा कार्यक्रम
अब कक्षा 1 से 8 तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षा 10 सितंबर से शुरू होकर 18 सितंबर तक चलेगी। नई तिथियाँ इस प्रकार हैं: 10, 11, 12, 13, 14, 16, 17 और 18 सितंबर। 15 सितंबर को कोई परीक्षा नहीं होगी, जिससे शिक्षकों और छात्रों को पारिवारिक और धार्मिक जिम्मेदारियाँ निभाने का अवसर मिलेगा।
परीक्षा का आयोजन - दो पालियों में
परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी: प्रथम पाली: सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक, द्वितीय पाली: दोपहर 1:00 बजे से 3:00 बजे तक। यह व्यवस्था परीक्षा को व्यवस्थित और अनुशासित ढंग से संपन्न कराने में मदद करेगी। राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद ने सभी जिलों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे परीक्षा के संचालन को कदाचारमुक्त और पारदर्शी बनाएं।
कक्षा 1 और 2: मौखिक मूल्यांकन
कक्षा 1 और 2 के विद्यार्थियों का मूल्यांकन इस बार भी पूर्ववत मौखिक ही होगा। शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से विषयवार प्रश्न उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनके आधार पर वे बच्चों का आकलन करेंगे। यह तरीका बच्चों के तनाव को कम करता है और शिक्षा को सहज व बाल-केंद्रित बनाता है।
विद्यालय स्तर पर विशेष विषयों का मूल्यांकन
कक्षा 6 के विद्यार्थियों के लिए शारीरिक शिक्षा, कंप्यूटर, व्यवसायिक शिक्षा और कला जैसे विषयों का मूल्यांकन विद्यालय स्तर पर ही किया जाएगा। इससे इन विषयों के महत्व को तो रेखांकित किया ही गया है, साथ ही प्रशासनिक बोझ भी कम होगा।
कक्षा 3 से 8: लिखित परीक्षा के लिए मुद्रित प्रश्नपत्र
कक्षा 3 से 8 तक के छात्रों की परीक्षा लिखित रूप में ली जाएगी। इसके लिए प्रश्नपत्र सह उत्तर पुस्तिका राज्य परिषद द्वारा तैयार कर जिलों को भेजी जाएगी। इससे एकरूपता बनी रहेगी और बच्चों का मूल्यांकन एक ही मानक पर किया जा सकेगा।
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