98% से अधिक निर्माण कार्य पूरा
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अनुसार, इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लगभग 98 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। केवल 2 प्रतिशत फिनिशिंग वर्क बचा है, जिसे 15 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद विशेषज्ञों की टीम अंतिम निरीक्षण करेगी और एक्सप्रेस-वे को ट्रायल रन के लिए खोला जाएगा। अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो करीब 15 दिन के सफल ट्रायल के बाद मकर संक्रांति (15 जनवरी) के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया जा सकता है।
तेज रफ्तार और आधुनिक सुविधाएं
छह लेन में विकसित 594 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर वाहन 120 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। इससे मेरठ से प्रयागराज तक की यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। एक्सप्रेस-वे पर कुल 1498 बड़े इंजीनियरिंग स्ट्रक्चर बनाए गए हैं, जिनमें से 1497 का निर्माण पूरा किया जा चुका है, यह परियोजना की मजबूती और समयबद्धता को दर्शाता है।
पहला चरण हुआ पूरी तरह तैयार
पहले चरण में मेरठ से बदायूं तक का 129 किलोमीटर लंबा मार्ग पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है। इस खंड में कुल 322 बड़े स्ट्रक्चर बनाए गए थे, जिनका कार्य अब पूरा हो गया है। दिसंबर के भीतर इस हिस्से का पूरा ट्रायल रन कर लिया जाएगा।
आपात स्थितियों के लिए एयर स्ट्रिप की सुविधा
इस एक्सप्रेस-वे की खास बात यह है कि इसमें 5 स्थानों पर हवाई पट्टियां (Air Strips) बनाई गई हैं। इन एयर स्ट्रिप्स पर जरूरत पड़ने पर भारतीय वायुसेना के फाइटर प्लेन भी उतर सकेंगे। इससे यह एक्सप्रेस-वे न सिर्फ यातायात, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण बन जाता है।
इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से इन जिलों को फायदा
गंगा एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार होने के बाद कई जिलों में औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा। इसका सीधा लाभ मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, प्रयागराज को मिलेगा। तेज कनेक्टिविटी के कारण इन क्षेत्रों में उद्योग स्थापन, लॉजिस्टिक केंद्र, वेयरहाउस, और नई आर्थिक गतिविधियों के अवसर बढ़ेंगे।
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