इसका मतलब है कि आयोग सिर्फ वेतन और भत्तों पर ही नहीं, बल्कि पेंशन से जुड़े सभी मुद्दों पर भी अपनी सिफारिशें देगा। लंबे समय से कई पेंशनर संगठनों ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र लिखकर पेंशन रिवीजन शामिल करने की मांग की थी। अब सरकार की आधिकारिक पुष्टि के बाद इस चिंता का निवारण हो गया है।
संसद में सांसदों ने उठाया सवाल
सांसद जावेद अली खान और रामजी लाल सुमन ने सवाल किया था कि क्या पेंशन रिवीजन 8वें वेतन आयोग में शामिल नहीं है। इसके जवाब में मंत्री ने साफ कहा की “8वां वेतन आयोग भत्तों और पेंशन समेत सभी मुद्दों पर अपनी सिफारिशें देगा।”
हालांकि, DA को बेसिक में मर्ज करने को लेकर सरकार का रुख पहले जैसा ही सख्त है। मंत्री ने बताया कि मौजूदा DA को बेसिक पे में मर्ज करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। जनवरी 2024 में DA 50% पर पहुंच चुका था, लेकिन सरकार ने बार-बार यह मांग खारिज की है।
8वें वेतन आयोग का काम अब शुरू
सरकार ने यह भी पुष्टि की कि 8वें वेतन आयोग की अधिसूचना 3 नवंबर 2025 को जारी की गई थी। आयोग अब औपचारिक रूप से काम शुरू कर चुका है और इसके चेयरमैन व मेंबर्स की नियुक्ति भी हो चुकी है।
टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) क्या है?
ToR को किसी भी वेतन आयोग की ‘रूल बुक’ कहा जा सकता है। इसी के आधार पर आयोग अपनी रिपोर्ट तैयार करता है। इसमें परिभाषाएँ, शर्तें और विषय शामिल होते हैं, जिन पर आयोग सिफारिशें देगा। ToR का ड्राफ्ट Joint Consultative Machinery (JCM) तैयार करती है। इसमें विभिन्न मंत्रालयों की कर्मचारी यूनियनों के प्रतिनिधि सरकार के साथ मिलकर TOR पर चर्चा करते हैं। कैबिनेट कमेटी की मंजूरी के बाद आयोग इन्हीं बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट तैयार करना शुरू करता है।

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