यह पहल उन युवाओं के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, लेकिन उन्हें पढ़ाई के लिए गांव से दूर शहरों की ओर जाना पड़ता था। सरकार का उद्देश्य है कि हर गांव का युवा बिना भटके अपनी पढ़ाई को मजबूत कर सके और बेहतर करियर बना सके।
गांवों में पढ़ाई और तैयारी अब होगी आसान
ग्राम पंचायतों में लाइब्रेरी खुलने से कई फायदे होंगे—
छात्रों को बेहतरीन पढ़ाई का माहौल गांव में ही मिलेगा
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी आसान होगी
पढ़ाई के लिए शहरों पर निर्भरता कम होगी
ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा
इन 223 ग्राम पंचायतों में पहले होगी शुरुआत
पहले चरण में उन ग्राम पंचायतों को चुना गया है, जहां पंचायत भवन में पहले से ही एक उपयुक्त कक्ष उपलब्ध था। इन कक्षों को लाइब्रेरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। सभी 223 पंचायतों में लाइब्रेरी की लोकेशन निर्धारित कर ली गई है और आवश्यक तैयारियाँ तेजी से पूरी की जा रही हैं।
हर लाइब्रेरी पर होगा 4 लाख रुपये का खर्च होगा
सरकार ने परियोजना के लिए बजट भी जारी कर दिया है। प्रत्येक लाइब्रेरी पर लगभग ₹4 लाख का खर्च आएगा, जिसके अंतर्गत लाइब्रेरी कक्ष का सज्जन, कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधा, आवश्यक फर्नीचर, प्रतियोगी परीक्षाओं तथा अन्य विषयों की पुस्तकें, अध्ययन सामग्री खरीदी जाएगी। पंचायती राज विभाग ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर दी है और पुस्तक खरीद की प्रक्रिया भी जारी है।
दिसंबर में तैयारी पूरी, जनवरी से होगा शुरुआत
जिला पंचायत राज अधिकारियों के अनुसार, दिसंबर 2025 के अंत तक सभी लाइब्रेरी पूरी तरह तैयार कर दी जाएंगी। जनवरी में नए साल के साथ ही गांवों में पढ़ाई का यह नया अध्याय शुरू होगा।
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