इस अनिश्चितता ने लाखों सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मन में चिंता पैदा कर दी थी। लेकिन अब सरकार ने इस पर पूरी तरह से स्थिति साफ कर दी है। मंगलवार को राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि 8वां वेतन आयोग कर्मचारियों की सैलरी, भत्तों के साथ-साथ पेंशन रिवीजन पर भी अपनी सिफारिशें देगा। यानी पेंशनर अब इस आयोग से बाहर नहीं होंगे और उन्हें भी सैलरी रिवीजन की तरह पूरी राहत मिलेगी।
क्यों बढ़ी थी चिंता?
जब ToR जारी हुआ, उसमें कई बिंदु स्पष्ट थे, लेकिन पेंशन को लेकर विस्तृत जानकारी नहीं थी। यूनियनों और पेंशनर संगठनों का कहना था कि महंगाई तेजी से बढ़ रही है, वर्तमान पेंशन मौजूदा खर्च के मुताबिक पर्याप्त नहीं हैं, पिछली बार की तरह पेंशन रिवीजन का दायरा स्पष्ट होना चाहिए। इसी को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना हुआ था।
सरकार का जवाब
राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने बताया की 8th CPC तीनों प्रमुख मुद्दों पर विचार करेगा सैलरी रिवीजन, अलाउंस (भत्ते), पेंशन रिवीजन। आयोग अपनी अंतिम रिपोर्ट में पेंशनधारकों के लिए सुधारों का सुझाव देगा। यह बयान आने के साथ ही पेंशनर्स के बीच काफी राहत महसूस की गई है।

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