दो नए विकल्प हैं:
1 .ऑटो चॉइस: लाइफ साइकिल 75-हाई (15E/55Y) - इस विकल्प में 35 वर्ष की आयु तक योगदान का 75% हिस्सा इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश होगा। इसके बाद यह हिस्सा धीरे-धीरे घटकर 55 वर्ष की आयु तक 15% तक आ जाएगा। यह योजना सदस्य के बाहर निकलने तक जारी रहेगी। विशेषज्ञों के अनुसार यह विकल्प उन कर्मचारियों के लिए उपयुक्त है जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं और बाजार के उतार-चढ़ाव को सहन कर सकते हैं।
2 .ऑटो चॉइस: लाइफ साइकिल एग्रेसिव (35E/55Y) - इसमें 45 वर्ष तक कुल योगदान का 50% हिस्सा इक्विटी में निवेश किया जाएगा, जो 55 वर्ष की उम्र तक घटकर 35% हो जाएगा। यह विकल्प उन कर्मचारियों के लिए बेहतर माना जा रहा है, जो मध्यम अवधि में कम जोखिम लेकर अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं।
पीएफआरडीए का कहना है कि इन विकल्पों का उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी उम्र, जोखिम क्षमता और भविष्य की जरूरतों के अनुसार निवेश करने का अवसर देना है। पहले कर्मचारियों के पास सीमित विकल्प थे और इक्विटी में निवेश की सीमा कम थी। अब यह दायरा काफी बढ़ गया है।
विशेषज्ञों की सलाह:
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक इक्विटी निवेश से संभावित रिटर्न बढ़ता है, लेकिन जोखिम भी अधिक रहता है। इसलिए कर्मचारी निवेश का विकल्प चुनते समय अपनी वित्तीय स्थिति और जोखिम सहनशीलता का ध्यान रखें। इन नए विकल्पों के साथ केंद्रीय कर्मचारियों के पेंशन निवेश में लचीलापन और अधिक बढ़ जाएगा, जिससे वे अपनी पसंद और जोखिम क्षमता के अनुसार निवेश योजना बना सकेंगे।

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