मंत्रालय के अनुसार, नियमों को जल्द ही प्री-पब्लिश किया जाएगा, ताकि 45 दिनों तक आम लोग और हितधारक अपनी राय दे सकें। सुझावों पर विचार के बाद इन्हें नोटिफाई कर दिया जाएगा और नए नियम लागू हो जाएंगे। इसका उद्देश्य है कामगारों को ज्यादा सुरक्षा, बेहतर सुविधाएं और लचीली कामकाज व्यवस्था देना।
1. काम के घंटे और ओवरटाइम की नई व्यवस्था
नए कोड में दैनिक 8 घंटे काम का नियम बरकरार रहेगा लेकिन साप्ताहिक समय 48 घंटे तय किया गया है। इसका मतलब है कि कंपनियां चाहें तो 4 दिन ज्यादा घंटे काम, और 3 दिन छुट्टी जैसी फ्लेक्सिबल वर्किंग व्यवस्था भी लागू कर सकती हैं।
ओवरटाइम के लिए भी स्पष्ट प्रावधान जोड़े गए हैं, ताकि अतिरिक्त समय का भुगतान सही तरीके से मिल सके। यह व्यवस्था वर्क–लाइफ बैलेंस को सुधारने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।
2. हर कर्मचारी को मिलेगा नियुक्ति पत्र
अब किसी भी कर्मचारी को बिना नियुक्ति पत्र के नौकरी पर रखना संभव नहीं होगा। इससे नौकरी की शर्तें स्पष्ट होंगी, कर्मचारियों की सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ेगी, विवादों की संभावना कम होगी। इसके साथ ही समान कार्य के लिए समान वेतन का प्रावधान मजबूत किया गया है। इससे पुरुष और महिला दोनों को समान काम पर बराबर वेतन मिलेगा।
3. 40 वर्ष से ऊपर के कर्मचारियों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य जांच
नए नियमों में पहली बार 40+ आयु वर्ग के कर्मचारियों के लिए फ्री हेल्थ चेकअप को अनिवार्य किया गया है। यह कदम कामगारों के स्वास्थ्य संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है।
4. महिलाओं को सभी शिफ्ट में काम की स्वतंत्रता
नए लेबर कोड में यह सुनिश्चित किया गया है कि महिलाएं दिन या रात किसी भी शिफ्ट में काम कर सकेंगी। यह प्रावधान महिलाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर तैयार करेगा और उनकी सहभागिता को मजबूत बनाएगा।
5. सामाजिक सुरक्षा का दायरा होगा और बड़ा
सरकार का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक 100 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में शामिल किया जाए। वर्तमान में यह संख्या लगभग 94 करोड़ है। सोशल सिक्योरिटी के विस्तार से अधिक से अधिक श्रमिक पेंशन, बीमा और अन्य योजनाओं से लाभान्वित होंगे। असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की सुरक्षा बढ़ेगी।
6. केंद्र और राज्य मिलकर लागू करेंगे नया कानून
चूंकि श्रम कानून ‘समवर्ती सूची’ का विषय है, इसलिए नए लेबर कोड को लागू करने के लिए केंद्र और राज्यों दोनों को अपने-अपने नियमों को नोटिफाई करना होगा। तभी पूरे देश में एक समान श्रम व्यवस्था लागू हो पाएगी।

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