इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में निर्यात में तेज रफ्तार देखी गई। अप्रैल में 1.65 अरब डॉलर और मई में 2.29 अरब डॉलर का निर्यात हुआ, हालांकि जून से सितंबर तक निर्यात में थोड़ी गिरावट आई। लेकिन अक्टूबर में मांग में मजबूती के कारण निर्यात फिर से उच्च स्तर पर स्थिर हुआ।
आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल–अक्टूबर 2025 की अवधि में अमेरिका को भारत से निर्यात 10.78 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल यह केवल 3.60 अरब डॉलर था। इस समय भारत ने वैश्विक बाजार में भी अपनी पकड़ मजबूत की। इस अवधि में कुल स्मार्टफोन निर्यात 15.95 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल के 10.68 अरब डॉलर की तुलना में लगभग 49.35% अधिक है।
विशेष रूप से मई, जून और सितंबर में निर्यात में शानदार वृद्धि हुई। मई में 66.5%, जून में 66.6% और सितंबर में 82.2% की बढ़ोतरी ने यह साबित कर दिया कि भारत मोबाइल उद्योग में वैश्विक सप्लाई चेन का एक भरोसेमंद केंद्र बनता जा रहा है।
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में भारत का स्मार्टफोन निर्यात 1.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 95% अधिक है। आम तौर पर अगस्त और सितंबर को कम निर्यात वाले महीने माना जाता है।
लेकिन इस बार निर्यात ने नए रिकॉर्ड बनाए और भारत की बढ़ती उत्पादन क्षमता और मजबूत इकोसिस्टम को उजागर किया हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का यह निर्यात प्रदर्शन न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है, बल्कि वैश्विक तकनीकी उद्योग में देश की भूमिका को भी और सुदृढ़ करता है।
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