भारत-रूस के बीच होगी ये बड़ी डील? अमेरिका की नजर

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान दोनों देश रक्षा क्षेत्र में कई बड़े सौदों पर मुहर लगाने की तैयारी कर रहे हैं। यह दौर भारत-रूस के लंबे समय से चले आ रहे रक्षा सहयोग को और मजबूती देने का अवसर माना जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस यात्रा के दौरान मुख्य रूप से सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के दूसरे ओवरहॉलिंग प्रोजेक्ट पर चर्चा होगी। इस प्रोजेक्ट के तहत भारतीय वायुसेना के विमान की मरम्मत और सुधार कार्य को नई तकनीक के साथ अंजाम दिया जाएगा।

इसके अलावा, भारतीय नौसेना के लिए R-37 लंबी दूरी की मिसाइलों की आपूर्ति पर भी बातचीत होने की संभावना है। यह मिसाइल 200 किलोमीटर से अधिक दूरी पर बैठे लक्ष्यों को सटीक रूप से निशाना बनाने में सक्षम होगी। इसे एक ताकतवर मिसाइल माना जाता हैं।

साथ ही, एयर डिफेंस के क्षेत्र में भी भारत और रूस कई अहम कदम उठा सकते हैं। इसमें S-400 और S-500 जैसी लंबी दूरी की एयर डिफेंस सिस्टम के साथ-साथ वर्बा जैसी कम दूरी की प्रणाली पर भी चर्चा होगी। ये हथियार प्रणालियाँ भारत की हवाई सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ बनाने में सहायक साबित होंगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि इन सौदों के लागू होने से भारत की रक्षा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और यह क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। वहीं, अमेरिका और अन्य वैश्विक साझेदार इस दौड़ पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। भारत और रूस के बीच यह रणनीतिक साझेदारी दोनों देशों के बीच विश्वास और लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को दर्शाती है। आने वाले हफ्तों में इस यात्रा और सौदों की प्रगति पर सभी की नजरें बनी रहेंगी।

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