नए नियम और समय सीमा
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि भूमि रजिस्ट्री के 90 दिनों (तीन महीने) के भीतर दाखिल-खारिज का आवेदन करना चाहिए। इस समय सीमा के पालन से न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि जनता की सुविधा और प्रशासनिक जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।
ई-मापी में नया फॉर्मेट
बैठक में ई-मापी रिपोर्ट को लेकर भी बड़ा बदलाव किया गया। अब विभाग द्वारा निर्धारित मानक परफॉर्मा अनिवार्य होगा। इससे रिपोर्टिंग में एकरूपता और पारदर्शिता आएगी। भूमि सर्वेक्षण और डिजिटल रिकॉर्ड अद्यतन की प्रक्रिया सुचारू और भरोसेमंद होगी।
सांस्कृतिक मेलों और भूमि रिकॉर्ड सुधार
बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों में होने वाले मेलों पर भी चर्चा हुई। मंत्री ने कहा कि कई मेलें सांस्कृतिक विरासत और राजस्व व्यवस्था से जुड़ी हैं। जिलों से उनकी उपयोगिता और ऐतिहासिक महत्व की रिपोर्ट मांगी जाएगी। इसके आधार पर मेलों के संरक्षण और विस्तार के लिए आगे कदम उठाए जाएंगे।
लोगों को मिलेगी बड़ी राहत
विजय कुमार सिन्हा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि भू-सम्बंधित शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई हो और किसी भी तरह की लापरवाही या देरी बर्दाश्त न की जाए। इस नई पहल से आम लोगों को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
रजिस्ट्री और दाखिल-खारिज प्रक्रिया में तेजी
पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित
डिजिटल और भरोसेमंद भूमि रिकॉर्ड प्रणाली
असाधारण दौड़ और अनावश्यक चक्कर खत्म
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