क्या बदलेगा?
नए प्रावधान के अनुसार सामान्य राशनकार्ड धारकों को अब 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल मिलेगा। अभी तक यह अनुपात 7 किलो गेहूं और 28 किलो चावल का था। यानी गेहूं की मात्रा दोगुनी, और चावल में कमी। वहीं, PHH लाभुकों को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज मिलेगा, जिसमें 2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल का प्रावधान है। पहले यह वितरण 1 किलो गेहूं और 4 किलो चावल का हुआ करता था।
सरकार का पक्ष
सरकार का दावा है कि यह बदलाव खाद्यान्न की उपलब्धता, वितरण में संतुलन और भविष्य की कृषि आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। विभाग का कहना है कि गेहूं की बढ़ती उपलब्धता ने नया अनुपात तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
2026 की ओर बढ़ते कदम
फिलहाल सरकार अपनी नीति को जनहित में बता रही है, वहीं विरोधी दल इसे गरीबों के हिस्से में कटौती करार दे रहे हैं। स्पष्ट है कि आने वाले महीनों में “राशन फ़ॉर्मूला 2026” बिहार की सियासत के केंद्र में रहेगा। विपक्ष ने इसे गरीबों की रसोई पर बोझ बढ़ाने वाला निर्णय बताया है। उनका तर्क है कि बिहार सहित पूरे पूर्वी भारत में चावल मुख्य भोजन है, ऐसे में इसकी कटौती गरीब परिवारों के भोजन पैटर्न को प्रभावित कर सकती है। विपक्ष का कहना है कि "राशन सुधार" कहकर सरकार वास्तविक कमी को छिपाने की कोशिश कर रही है।

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