S&P का अनुमान: अगले तीन साल मजबूत रहेगी भारत की आर्थिक रफ्तार
S&P ग्लोबल रेटिंग्स के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में स्थिर और तेज़ी से बढ़ने वाली है। एजेंसी के अनुमान:
2026 में GDP वृद्धि दर: 6.7%
2027 में GDP वृद्धि दर: 7%
2028 में GDP वृद्धि दर: 6.8%
S&P ने कहा कि भारत में कम महंगाई, मजबूत श्रम बाजार और बढ़ता उपभोक्ता खर्च आर्थिक वृद्धि का मुख्य आधार बना रहेगा। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि जबकि अमेरिका और चीन की वृद्धि दर धीरे-धीरे नीचे आ रही है, भारत सहित उभरते बाजार अपनी मजबूती बनाए हुए हैं।
Fitch का बड़ा संशोधन: विकास दर बढ़ाकर 7.4%
दूसरी ओर, फिच रेटिंग्स ने भारत के लिए और भी सकारात्मक तस्वीर पेश की है। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के GDP अनुमान को 6.9% से बढ़ाकर 7.4% कर दिया है। Fitch के अनुसार उपभोक्ता खर्च में वृद्धि, GST सुधारों से राजस्व में मजबूती, निवेशकों के बीच बेहतर माहौल। इन तीनों कारणों से भारत की आर्थिक गति पहले से ज्यादा मजबूत दिखाई दे रही है।
फिच की रिपोर्ट इतनी महत्वपूर्ण है कि यह मौद्रिक नीति समिति की बैठक से ठीक पहले आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस रिपोर्ट के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक भी GDP अनुमान को ऊपर की ओर संशोधित कर सकता है। वर्तमान में RBI का अनुमान 6.5–6.7% के दायरे में है, जिसे 7% से ऊपर ले जाने की संभावना जताई जा रही है।
GDP आंकड़े बता रहे हैं मजबूती की कहानी
फिच की ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट ने जुलाई–सितंबर तिमाही में भारत की 8.2% GDP ग्रोथ को बेहद मजबूत माना है, जो अप्रैल–जून की 7.8% से भी अधिक है। यह लगातार वृद्धि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार और स्थिरता का स्पष्ट संकेत है। हालांकि एजेंसी का अनुमान है कि आने वाले महीनों में थोड़ी नरमी आ सकती है, फिर भी पूरे वर्ष का औसत 2025-26: 7.4% GDP ग्रोथ हेगा। फिच ने यह भी अनुमान लगाया कि अगले वित्त वर्ष 2026-27 में विकास दर कुछ घटकर 6.4% रह सकती है।
भारत के लिए सकारात्मक संकेत, दुनिया की बढ़ती चिंता
अमेरिका और चीन की तुलना में भारत की आर्थिक रफ्तार कहीं ज्यादा तेज़ है। यही वजह है कि वैश्विक एजेंसियां भारत को दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था मान रही हैं। वहीं, अमेरिका में मंदी की आशंका बढ़ रही हैं। जबकि चीन में निवेशकों के घटते भरोसे के बीच भारत को वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में तेजी से स्थापित कर रही है। यही कारण है कि इन रिपोर्टों ने दोनों महाशक्तियों की चिंता बढ़ा दी है।
.png)
0 comments:
Post a Comment