जानकारी के अनुसार, योजना की शुरुआत से लेकर 3 दिसंबर 2025 तक कुल 1,11,548 युवाओं को लोन प्रदान किया जा चुका है, जिसकी कुल राशि 4572.74 करोड़ रुपये से अधिक है। यानी महज दस महीनों में एक लाख से ज्यादा युवा नए व्यवसाय स्थापित करने की दिशा में सक्रिय हो चुके हैं।
योजना की लोकप्रियता और आवेदन प्रक्रिया
नोडल अधिकारी सर्वेश्वर शुक्ला के मुताबिक, योजना में युवाओं की भारी भागीदारी देखी जा रही है। अब तक 4,31,871 आवेदन पोर्टल पर प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 3,48,497 आवेदन बैंकों को भेजे गए, और 1,22,722 आवेदनों को स्वीकृति मिल चुकी है। यह आंकड़े युवाओं में उद्यमिता के प्रति उत्साह को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।
सामाजिक प्रतिनिधित्व और लाभार्थी वर्ग
योजना का लाभ सभी वर्गों तक पहुँच रहा है, विशेषकर ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के युवाओं तक। आंकड़ों के अनुसार: सामान्य वर्ग: 34.9%, ओबीसी: 49.1%, एससी: 14.8%, एसटी: 0.3%, कुल मिलाकर, सामाजिक रूप से वंचित वर्गों का लगभग 65% हिस्सा योजना का लाभ उठा रहा है, जो इसे सामाजिक रूप से समावेशी योजना बनाता है।
महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है
योजना में पुरुषों का योगदान 71.2% है, जबकि महिलाओं की हिस्सेदारी 28% है। हालांकि सरकार महिला उद्यमियों को अधिक प्रोत्साहन देने पर ध्यान दे रही है, जिससे आने वाले समय में उनकी भागीदारी और बढ़ने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की पात्रता
योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक के लिए निम्न शर्तें निर्धारित हैं: उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए, आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। कोई बड़ा डिफॉल्टर न होना, प्रस्तावित प्रोजेक्ट व्यवहारिक और रोजगार सृजन योग्य होना चाहिए। आवश्यक दस्तावेज में आधार कार्ड, पैन कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, शैक्षिक प्रमाण पत्र और प्रोजेक्ट रिपोर्ट की जरूरत होगी।

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