नई दिल्ली: रूस के शहर व्लादीवोस्टक में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के चीफ गेस्ट के तौर पर पीएम मोदी अगले हफ्ते रूस की यात्रा पर जा रहे हैं। पीएम मोदी की यात्रा की तैयारियों के सिलसिले में विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार को ही रूस पहुंच चुके हैं।
क्या हैं व्लादीवोस्टक ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम:
रूस के शहर व्लादीवोस्टक के फार ईस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी कैम्पस में 4 से 6 सितंबर तक ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम का आयोजन किया जा रहा है। यह मंच रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के विस्तार के लिए बनाया गया है। इस फोरम की स्थापना साल 2015 में रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने की थी। इस साल इस फोरम का पांचवां आयोजन हो रहा है जिसके चीफ गेस्ट पीएम मोदी होंगे।
भारत के लिए व्लादीवोस्टक का महत्व:
1971 की जंग में जब अमेरिका और ब्रिटेन दखल देने की कोशिश कर रहा था तब तत्कालीन सोवियत संघ ने भारत के समर्थन में व्लादीवोस्टक में मौजूद अपने न्यूक्लियर बेड़े को रवाना कर दिया था। तब से यह शहर भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा है।
भारत अब इस इलाके में बड़े निवेश की तैयारी कर रहा है ताकि दोनों देशों की दोस्ती और भी गहरी हो सके। भारत और रूस दोनों यह चाहते हैं कि यूरेशिया क्षेत्र में चीन की चौधराहट कायम न होने पाए। रूस इसीलिए भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया जैसे देशों से अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है।
पीएम मोदी 5 सितंबर को व्लादीवोस्टक में आयोजित ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेंगे और यहीं पर रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ आयोजित सालाना द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। पीएम की इस यात्रा के दौरान भारत में छह न्यूक्लियर रिएक्टर की स्थापना को लेकर भी समझौता हो सकता है।
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