बता दें की पुश्तैनी जमीन वो जमीन होता हैं वो पूर्वजों के द्वारा विरासत में मिलती हैं। इस जमीन पर इंसान का जन्म से अधिकार होता हैं। इसलिए इस जमीन को बेचने के लिए कई तरह के नियम-कानून बनाये गए हैं। उसी नियम-कानून के अनुसार आप पुश्तैनी जमीन को बेच सकते हैं।
लखनऊ, गोरखपुर, आगरा, बरेली में पुश्तैनी जमीन बेचने के नियम-कानून, जानिए?
1 .कानून के अनुसार पुश्तैनी जमीन बेचने के लिए परिवार के अन्य सदस्यों की मंजूरी लेनी पड़ती हो, जो पैतृक संपत्ति में हिस्से के हकदार हैं।
2 .उदाहरण के तौर पर अगर आप चार भाई हैं उसमे से कोई एक भाई जमीन बेचना चाहता हैं तो उसे सभी से इजाजत लेनी होगी। बिना इजाजत आप पुश्तैनी जमीन को नहीं बेच सकते हैं।
3 .बता दें की 2005 में हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम में संशोधन होने तक, परिवार के केवल पुरुष सदस्यों को सहदायिक माना जाता था। लेकिन अब बेटियों को भी पुश्तैनी जमीन पर अधिकार होता हैं।
4 .हालांकि पिता अपना या पैतृक कर्ज को चुकाने के लिए पैतृक संपत्ति को बेच या गिरवी रख सकता है। इसके लिए पिता के पास अधिकार होता हैं।
5 .पिता के पास पारिवारिक संपत्तियों को लेकर अतिरिक्त अधिकार होते हैं, वो बेटी की शादी या पारिवारिक कर्ज चुकाने के लिए पुश्तैनी जमीन को बेच सकता हैं।

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