इस नए आदेश के तहत अब पहली से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों को हर तीन महीने पर प्रोग्रेस कार्ड दिया जाएगा, जिससे उनकी शैक्षणिक प्रगति का नियमित मूल्यांकन हो सकेगा। इसके लिए बच्चों को नियमित होमवर्क दिए जाने और समय पर मूल्यांकन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
शिक्षकों की उपस्थिति और चेतना सत्र अनिवार्य
नई व्यवस्था के तहत अब हर शिक्षक को स्कूल शुरू होने के कम से कम 10 मिनट पहले स्कूल में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करनी होगी और दिन की शिक्षण योजना पर प्राचार्य के साथ विमर्श करना होगा। इसके अलावा, चेतना सत्र को भी अनिवार्य कर दिया गया है, जिसमें शिक्षक छात्रों के साथ नैतिक मूल्यों पर चर्चा करेंगे और अनुशासन बनाए रखने की जिम्मेदारी लेंगे।
छात्र अनुशासन और पोशाक पर भी विशेष जोर
छात्रों को स्कूल में पूरी यूनिफॉर्म, समय-सारणी अनुसार सभी किताबें, नोटबुक, पेंसिल बॉक्स, पानी की बोतल के साथ आना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही बच्चों को साफ-सुथरा, स्नान करके, कटे हुए नाखून, और संवरे बालों के साथ स्कूल आने को कहा गया है।
विद्यालय प्रबंधन और अभिभावक सहभागिता
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सभी स्कूलों में विद्यालय प्रबंधन, कक्षा प्रबंधन, छात्र प्रबंधन और अभिभावक प्रबंधन की व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके तहत शिक्षक-अभिभावक बैठक को भी हर तीन महीने में अनिवार्य किया गया है, जिससे छात्रों की प्रगति पर चर्चा की जा सके।
मध्याह्न भोजन और शिक्षण गुणवत्ता पर भी नजर
स्कूलों में बच्चों को मेन्यू के अनुसार मध्याह्न भोजन परोसा जाएगा और शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि भोजन समय पर और गुणवत्तापूर्ण हो। शिक्षण गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए भी शिक्षकों को नियमित रूप से शिक्षण योजना तैयार करनी होगी और कक्षाओं में सक्रिय भागीदारी करनी होगी।
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