ASAT हथियारों की रेस में 4 देश, भारत भी शामिल!

नई दिल्ली – दुनिया अब सिर्फ ज़मीन और समुद्र तक सीमित नहीं रही, बल्कि अंतरिक्ष भी अब सैन्य शक्ति के नए मोर्चे के रूप में उभर चुका है। ऐसे में एंटी-सैटेलाइट (ASAT) हथियारों की होड़ तेज़ हो गई है। आज की तारीख में केवल चार देशों – अमेरिका, रूस, चीन और भारत – के पास ऐसे हथियार मौजूद हैं, जो दुश्मन के सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में ही मार गिराने की क्षमता रखते हैं।

क्या हैं ASAT हथियार?

एंटी-सैटेलाइट हथियार वे तकनीकें या प्रणालियाँ होती हैं, जिनका इस्तेमाल अंतरिक्ष में स्थित दुश्मन के सैटेलाइट को निष्क्रिय या नष्ट करने के लिए किया जाता है। इनका इस्तेमाल निगरानी, संचार, नेविगेशन और सैन्य संचालन में अहम भूमिका निभाने वाले सैटेलाइट्स को निशाना बनाने के लिए किया जाता है।

भारत की बड़ी छलांग – मिशन शक्ति

भारत ने 27 मार्च 2019 को ‘मिशन शक्ति’ के तहत एक सफल ASAT परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया था। इस मिशन में भारत ने लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थित एक सैटेलाइट को पृथ्वी से छोड़े गए मिसाइल द्वारा सफलतापूर्वक निशाना बनाया और मार गिराया। इस उपलब्धि के साथ भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा ऐसा देश बन गया जिसने यह क्षमता हासिल की।

दुनियाभर के देशों में ASAT हथियारों की होड़ क्यों?

आधुनिक युग में सैटेलाइट्स केवल वैज्ञानिक या नागरिक उद्देश्यों के लिए नहीं, बल्कि सैन्य संचालन, मिसाइल गाइडेंस, सर्विलांस और साइबर वारफेयर जैसे क्षेत्रों में भी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे में किसी देश की सैटेलाइट प्रणाली को निष्क्रिय करना उसकी रक्षा व्यवस्था को सीधे प्रभावित कर सकता है। इस कारण बड़ी शक्तियाँ ASAT तकनीकों में निवेश कर रही हैं, ताकि अंतरिक्ष में भी अपनी रणनीतिक बढ़त बनाए रख सकें।

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