भारत की नई मिसाइल से कांप उठा चीन-पाक – ट्रैक करना नामुमकिन!

नई दिल्ली। भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं में ऐतिहासिक छलांग लगाते हुए नवंबर 2024 में एक लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। यह मिसाइल न केवल तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक है, बल्कि इसकी ऐसी विशेषताएं हैं, जो दुनिया के किसी भी मौजूदा एयर डिफेंस सिस्टम को निरर्थक बना देती हैं। सबसे बड़ी बात – चीन जैसी बड़ी ताकत भी इसे ट्रैक नहीं कर सकता हैं।

हवा, पानी और ज़मीन से लॉन्च

इस हाइपरसोनिक मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत इसकी मल्टी-प्लेटफॉर्म लॉन्च क्षमता है। इसे एयरक्राफ्ट से, समुद्री पनडुब्बियों से और ज़मीन पर मोबाइल लॉन्चर से दागा जा सकता है। इसका मतलब यह है कि भारत अब किसी भी दिशा से, किसी भी स्थिति में दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है।

1500 किलोमीटर से ज़्यादा रेंज

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित इस मिसाइल की रेंज 1500 किलोमीटर से अधिक है। इतनी दूरी तय करने के बावजूद यह मिसाइल दुश्मन के रडार में नहीं आती। इसकी गति हाइपरसोनिक लेवल (Mach 5 या उससे ज्यादा) तक पहुंचती है, जिससे प्रतिक्रिया देने का समय दुश्मन के पास नहीं बचता।

चीन और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

भारत के इस सफल परीक्षण के बाद चीन और पाकिस्तान की सैन्य हलकों में हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक चीन ने अपनी निगरानी प्रणालियों को अपग्रेड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, लेकिन भारत की इस टेक्नोलॉजी को पकड़ना अब भी उनके लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है।

ट्रैक करना असंभव – रक्षा विशेषज्ञों की राय

भारतीय रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह मिसाइल low radar signature, high maneuverability, और hypersonic glide technology से लैस है। यही कारण है कि अमेरिका, चीन, रूस जैसे देशों की सबसे आधुनिक एयर डिफेंस प्रणालियां भी इसे ट्रैक नहीं कर सकतीं। एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार, "यह मिसाइल दुश्मन की आंखों से ओझल रहते हुए अपने लक्ष्य को भेद सकती है।"

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