यूपी में आंगनबाड़ी से गांव-गांव पहुंचेगा पौष्टिक आहार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में कुपोषण के खिलाफ अपनी लड़ाई को और सशक्त बनाते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। अब आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को गांव-गांव तक नियमित पौष्टिक आहार पहुंचाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने नैफेड द्वारा बढ़ी हुई लागत की भरपाई के उद्देश्य से 51.89 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि को मंजूरी दी है।

‘टॉप-अप व्यवस्था’ से नहीं रुकेगी पुष्टाहार की आपूर्ति

प्रदेश सरकार ने ‘अनुपूरक पुष्टाहार योजना हेतु टॉप-अप व्यवस्था’ नामक नवाचार की शुरुआत की है, जिससे नैफेड द्वारा आपूर्ति की जा रही सामग्री की बढ़ती लागत का असर लाभार्थियों पर नहीं पड़ेगा। 2024-25 की तीसरी और चौथी तिमाही के लिए क्रमशः 25.92 करोड़ और 25.97 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद बच्चों और महिलाओं को नियमित पौष्टिक आहार मिलता रहे।

बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को मिलेगा लाभ

उत्तर प्रदेश में समन्वित बाल विकास योजना (ICDS) के तहत 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं और 14 से 18 वर्ष की किशोरियों को पौष्टिक आहार व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं। इस योजना का फोकस विशेष रूप से उन इलाकों पर है जहां कुपोषण की समस्या गंभीर है।

फोर्टिफाइड गेहूं दलिया से लेकर खाद्य तेल तक पहुंचा रही सरकार

प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से फोर्टिफाइड गेहूं दलिया, चना दाल, मसूर दाल और खाद्य तेल जैसी आवश्यक पौष्टिक सामग्री वितरित की जा रही है। इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिससे जरूरतमंदों तक पोषण सुनिश्चित हो सके।

लाखों परिवारों को मिलेगा सीधा फायदा, दूर होगा कुपोषण की समस्या

यह टॉप-अप व्यवस्था और समर्पित रणनीति उत्तर प्रदेश के लाखों जरूरतमंद परिवारों के लिए वरदान साबित होगी। खासकर उन गरीब परिवारों के लिए जो आंगनबाड़ी सेवाओं पर निर्भर हैं। नियमित पौष्टिक आहार से बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार होगा, जिसका सीधा असर राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास पर पड़ेगा।

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