बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर बड़ा फैसला

पटना: बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में शिक्षा विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के सभी विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात को संतुलित किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने सभी जिलों से स्कूल-वार रिपोर्ट तलब की है। मानक से अधिक शिक्षकों वाले विद्यालयों से शिक्षकों का स्थानांतरण उन विद्यालयों में किया जाएगा, जहां शिक्षकों की गंभीर कमी है।

शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून के तहत पहली से पांचवीं कक्षा के लिए तय मानक के अनुसार, 30 छात्रों पर एक शिक्षक अनिवार्य है। वहीं, कक्षा छह से आठ के लिए यह अनुपात 35 छात्रों पर एक शिक्षक का होना चाहिए। वर्तमान में राज्य में औसतन 46 छात्रों पर एक शिक्षक उपलब्ध है, जो कि निर्धारित मानक से अधिक है। इसी को सुधारने के लिए यह पहल की जा रही है।

जिलेवार रिपोर्ट मांगी गई

शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि वे स्कूल-वार छात्र-शिक्षक अनुपात की विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द विभाग को सौंपें। जिन विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या मानक से अधिक है, वहां से उन्हें स्थानांतरित कर उन स्कूलों में भेजा जाएगा, जहां छात्र-शिक्षक अनुपात असंतुलित है।

पहले प्राथमिक स्तर पर होगा कार्यान्वयन

इस योजना की शुरुआत प्राथमिक विद्यालयों यानी कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों से की जाएगी। नियम के अनुसार: 61 से 90 छात्रों पर 3 शिक्षक, 91 से 120 छात्रों पर 4 शिक्षक, 121 से 200 छात्रों पर 5 शिक्षक।  वहीं, कक्षा 6 से 8 तक के लिए विज्ञान, गणित, भाषा और सामाजिक अध्ययन के लिए अलग-अलग शिक्षकों की नियुक्ति अनिवार्य होगी। इसके अलावा जहां 100 से अधिक छात्र हैं, वहां एक स्थायी प्रधानाध्यापक के साथ अंशकालिक कला, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा शिक्षक की भी व्यवस्था की जाएगी।

कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई

शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कमेटी द्वारा दी गई सिफारिशों को छात्रों और शिक्षकों के हित में प्राथमिकता से लागू किया जाएगा। यह कदम न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करेगा। अब शिक्षकों की तैनाती केवल स्कूल की आवश्यकता और छात्र संख्या के अनुसार की जाएगी।

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