पिछले वर्षों का रिकॉर्ड क्या कहता है?
बिहार में मानसून के आगमन का औसत समय 13 जून के आसपास माना जाता है। 2020 से 2022 के बीच मानसून ने ठीक 13 जून को बिहार में प्रवेश किया था। लेकिन 2023 में मानसून अपेक्षाकृत जल्दी, 12 जून को पहुंचा, लेकिन राज्य में 23% कम बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं 2024 में, मानसून 20 जून को पहुंचा था — करीब 5 दिन की देरी से और बारिश भी सामान्य से 20% कम रही।
इस बार की स्थितियाँ अलग नजर आ रही हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने संकेत दिए हैं कि इस बार मानसून समय पर और अपेक्षाकृत अधिक सक्रिय रहेगा। इससे खरीफ की खेती करने वाले किसानों को विशेष राहत मिलेगी।
किसानों और आम जनता को फायदा?
राज्य के कृषि विशेषज्ञों और मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि बारिश समय पर होती है और पर्याप्त मात्रा में होती है, तो धान और मक्का जैसी खरीफ फसलों की बुआई सुचारु रूप से हो सकेगी। इसके अलावा जल स्तर में सुधार, भूजल रिचार्ज और पेयजल संकट से भी राहत मिलने की संभावना है।
अगले कुछ हफ्तों का मौसम कैसा रहेगा?
मौसम विभाग का कहना है कि मई के अंत तक भीषण गर्मी का दौर जारी रहेगा, लेकिन जून के पहले सप्ताह से प्री-मानसून गतिविधियाँ शुरू हो सकती हैं। हल्की बारिश और आंधी-तूफान के आसार हैं, जो तापमान में थोड़ी राहत लाएंगे।
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