क्या हैं रुद्रम-1 और रुद्रम-2?
रुद्रम-1 और रुद्रम-2 भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गईं अत्याधुनिक Anti-Radiation Missiles (ARM) हैं। इनका मकसद दुश्मन के रडार स्टेशन, एयर डिफेंस सिस्टम, और निगरानी उपकरणों को जड़ से खत्म करना है। रुद्रम-1 की रेंज करीब 150 किलोमीटर तक है और इसे Su-30MKI फाइटर जेट से लॉन्च किया जा सकता है। जबकि रुद्रम-2, इसका अपग्रेडेड वर्जन है, जिसकी रेंज और सटीकता पहले से कहीं ज्यादा घातक है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक इन दोनों मिसाइलों की खासियत है कि ये दुश्मन की किसी भी तरह की रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) एमिशन को ट्रैक कर उस पर हमला कर सकती हैं। यानी अगर दुश्मन ने रडार ऑन किया, तो उसकी लोकेशन पकड़ में आ जाएगी और तबाही तय है।
क्यों डरे हुए हैं चीन और पाकिस्तान?
चीन और पाकिस्तान ने अपने सीमावर्ती इलाकों में आधुनिक रडार और एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर रखे हैं। लेकिन रुद्रम-1 और रुद्रम-2 जैसी मिसाइलें इन सभी व्यवस्थाओं को निष्क्रिय कर सकती हैं। एक बार इन मिसाइलों ने दुश्मन का रडार लॉक कर लिया, तो बचाव लगभग नामुमकिन है। विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत अब "पहले हमला करो, रडार खत्म करो" वाली रणनीति की ओर बढ़ रहा है। इससे दुश्मन के विमानों और मिसाइलों की आंखें यानी उनके रडार पहले ही तबाह हो जाएंगे।
रुद्रम मिसाइलें सिर्फ रक्षा के लिहाज़ से ही नहीं, बल्कि भारत को रणनीतिक बढ़त देने के लिए भी अहम हैं। किसी भी सैन्य टकराव की स्थिति में ये मिसाइलें दुश्मन के एयर डिफेंस कवच को बेकार कर देंगी, जिससे भारतीय वायुसेना को बिना विरोध के गहराई में घुसने की ताकत मिलेगी।
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