ताजमहल की सुरक्षा के लिए सख्त कदम
टीटीजेड में बिना अनुमति पेड़ काटने पर जुर्माने की रकम विशेष मामलों में 1 लाख रुपये प्रति पेड़ तक जा सकती है। यह सख्त सिफारिश डालमिया बाग, माथुर फार्म हाउस और गधापाड़ा मालगोदाम जैसे मामलों को ध्यान में रखते हुए की गई है। वहीं, निजी ज़मीन पर यदि प्रतिबंधित प्रजातियों के पेड़ काटे जाते हैं तो 10,000 रुपये, और अन्य प्रजातियों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
टीटीजेड में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, हाथरस, एटा (उत्तर प्रदेश) और भरतपुर (राजस्थान) के 10,400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल हैं। यह क्षेत्र ताजमहल की हवा को साफ रखने और पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष रूप से संवेदनशील माना जाता है।
यूपी के बाकी जिलों में भी बदलेगा कानून
प्रदेश के अन्य जिलों में भी पेड़ काटने पर जुर्माना बढ़ाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए राज्य सरकार भारतीय वन अधिनियम (Forest Act) में संशोधन करेगी, ताकि पूरे प्रदेश में वन संरक्षण के नियम और कड़े बनाए जा सकें। इसकी तैयारी की जा रही हैं।
एफआरआई को सौंपा गया पेड़ों की गिनती का काम
सुप्रीम कोर्ट ने फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (FRI), देहरादून की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी है, जिसमें टीटीजेड क्षेत्र में पेड़ों की गिनती करने की योजना है। एफआरआई ने इसके लिए 66 महीने का समय और 7 करोड़ रुपये की मांग की है। कोर्ट ने यह राशि उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार को संयुक्त रूप से देने का आदेश दिया है।
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