यूपी में लेखपाल की एकीकृत डैशबोर्ड से निगरानी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार जनता को बेहतर सेवाएं देने और राजस्व विभाग में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ी पहल करने जा रही है। सरकार अब लेखपाल से लेकर आयुक्त स्तर तक के सभी राजस्व अधिकारियों को एक एकीकृत डिजिटल डैशबोर्ड से जोड़ने की योजना पर कार्य कर रही है। यह डैशबोर्ड प्रशासनिक कार्यप्रणाली को न सिर्फ तकनीकी रूप से सक्षम बनाएगा, बल्कि विभागीय जवाबदेही को भी नई दिशा देगा।

अब एक मंच पर आएंगे सभी राजस्व अधिकारी

इस डैशबोर्ड के माध्यम से लेखपाल, नायब तहसीलदार, तहसीलदार, एसडीएम और आयुक्त स्तर तक के अधिकारी एक ही डिजिटल मंच पर सूचनाएं साझा कर सकेंगे। इससे विभागीय कार्यों की निगरानी आसान होगी और फील्ड में कार्य कर रहे कर्मचारियों की सक्रियता का मूल्यांकन भी संभव होगा।

जनता की शिकायतों का होगा त्वरित समाधान

सरकार की इस पहल का मुख्य उद्देश्य जनता की शिकायतों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना है। भूमि विवाद जैसे जटिल मामलों में, जहां दस्तावेजों की तलाश में समय नष्ट होता है, अब अधिकारी डिजिटल माध्यम से तुरंत दस्तावेज देख सकेंगे। इससे निर्णय प्रक्रिया तेज होगी और गांवों में होने वाले भूमि विवादों पर अंकुश लगेगा।

जवाबदेही तय, काम में पारदर्शिता

डैशबोर्ड की मदद से सरकार और वरिष्ठ अधिकारी यह देख सकेंगे कि कौन अधिकारी कितनी सक्रियता से कार्य कर रहा है। यह निगरानी प्रणाली हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करेगी। साथ ही विभागीय कार्यों में पारदर्शिता आएगी, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना भी घटेगी।

क्या होंगे डैशबोर्ड के प्रमुख लाभ?

भूमि रिकॉर्ड, भू-मापन, राजस्व संग्रह और अन्य विभागीय आंकड़े एक ही मंच पर उपलब्ध होंगे। अधिकारियों द्वारा डाटा का विश्लेषण कर त्वरित निर्णय लिए जा सकेंगे। जनता की शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया में तेजी आएगी। हर अधिकारी की कार्यशैली और सक्रियता पर रहेगी निगाह। शासन को मिलेगा वास्तविक समय का डाटा, जिससे नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन संभव होगा। 

0 comments:

Post a Comment