20 वर्षों से कोर्स में, फिर भी नहीं थे शिक्षक
उल्लेखनीय है कि माध्यमिक स्तर पर बीते दो दशकों से कंप्यूटर साइंस विषय को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, लेकिन अब तक विभाग द्वारा नियमित शिक्षकों की भर्ती नहीं की जा सकी। वर्ष 2018 में 1673 सहायक अध्यापकों की भर्ती का प्रयास किया गया था, लेकिन केवल 36 ही नियुक्त हो सके।
जिलों से लगातार आ रहे थे अनुरोध
शिक्षा विभाग को जिलों से लगातार स्मरण पत्र मिल रहे थे, जिनमें बताया गया था कि कंप्यूटर साइंस विषय पाठ्यक्रम में होने के बावजूद शिक्षक न होने के कारण छात्र इससे वंचित रह जा रहे हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए विभाग ने एक बार फिर गंभीर प्रयास शुरू किए हैं।
शासन को भेजा गया नया प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक, दो वर्ष पहले भी इसी प्रकार का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन उसमें तीन प्रमुख बिंदुओं पर आपत्ति जताई गई थी। इस बार विभाग ने शासन की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए संशोधित प्रस्ताव भेजा है। इसमें कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में एक से दो और अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों में दो से तीन कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति का सुझाव दिया गया है।
बीटेक छात्रों को मिलेगा मौका
इस प्रस्ताव की एक खास बात यह है कि विभाग ने आईटी विषय में बीटेक कर चुके प्रतिष्ठित संस्थानों के पूर्व छात्रों को इस भर्ती में प्राथमिकता देने की संस्तुति की है। इससे न केवल योग्य उम्मीदवारों को मौका मिलेगा, बल्कि छात्रों को भी उच्च गुणवत्ता की कंप्यूटर शिक्षा मिल सकेगी।
जल्द मिल सकती है हरी झंडी
शिक्षा विभाग को उम्मीद है कि यह प्रस्ताव इस बार शासन से मंजूरी प्राप्त कर लेगा और जल्द ही प्रदेश भर में कंप्यूटर साइंस शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ हो जाएगा। यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो यह प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में तकनीकी दक्षता को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
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