ऑनलाइन रिकॉर्ड से पहचान
अब अगर किसी हॉस्पिटल या क्लीनिक पर फर्जीवाड़े की शिकायत मिलती है, तो स्वास्थ्य विभाग की टीमें पहले की तरह नोटिस जारी नहीं करेंगी। इसके बजाय, ऑनलाइन पोर्टल से सीधे रिकॉर्ड की जांच कर फर्जी या अपंजीकृत संस्थानों के खिलाफ सीधा मुकदमा दर्ज किया जाएगा। आरोपी को पुलिस के सुपुर्द भी किया जाएगा।
छापेमारी के लिए बनाई गईं टीमें
सीएमओ ने बताया कि जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाने के लिए दो विशेष टीमें बनाई गई हैं। इसके अलावा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) के प्रभारियों को भी सख्ती से जांच करने और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
पीले बोर्ड पर देनी होगी जानकारी
सरकार ने चिकित्सा संस्थानों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। अब हर पंजीकृत हॉस्पिटल और क्लीनिक पर पीले रंग का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। इस बोर्ड पर निम्नलिखित जानकारी स्पष्ट रूप से अंकित करनी होगी: डॉक्टर का नाम, उनकी डिग्री, आवासीय पता, मोबाइल नंबर, उपलब्ध चिकित्सा सुविधाएं, प्रत्येक सेवा का शुल्क। इस कदम से मरीजों को धोखाधड़ी से बचाने में मदद मिलेगी और वे इलाज से पहले पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
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