तय समय में मिलेगी NOC
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग इस कानून की रूपरेखा तैयार कर चुका है। नए कानून में यह स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई विभाग निर्धारित समय सीमा के भीतर एनओसी जारी नहीं करता है, तो संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
उद्योगों को मिलेगा नया आयाम
अब तक उद्यमियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पावर कारपोरेशन, राजस्व विभाग, श्रम, अग्निशमन समेत 23 विभागों से मंजूरी लेनी पड़ती थी, जिसमें महीनों लग जाते थे। लेकिन सिंगल विंडो कानून लागू होने के बाद यह प्रक्रिया तेज और पारदर्शी हो जाएगी।
नक्शा पास कराने और भूमि आवंटन में भी तेजी
आपको बता दें की इस नए कानून के तहत नक्शा पास कराने और भूमि आवंटन की प्रक्रिया भी डिजिटल और टाइम बाउंड होगी। इससे प्रदेश में लगने वाले नए उद्योगों को न केवल समय की बचत होगी, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी।
औद्योगिक विकास प्राधिकरणों से मिला समर्थन
इस कानून के मसौदे को तैयार करने से पहले UPSIDC, इन्वेस्ट यूपी, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड और गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण जैसे बड़े संस्थानों से सुझाव लिए गए हैं। यह दर्शाता है कि यह कानून केवल कागज़ी नहीं, बल्कि मैदान में कारगर साबित होने वाला है।
पारदर्शिता और जवाबदेही की नई मिसाल
औद्योगिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून राज्य में व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) को नई ऊंचाई देगा। इससे खासकर मध्यम और छोटे उद्यमियों को लाभ मिलेगा, जो अब तक फाइलों में अटकी मंजूरियों से परेशान रहते थे।
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