नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार कर सभी नगर निकायों को भेजा है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि अलग-अलग शहरों में म्यूटेशन शुल्क की भिन्नता को समाप्त करते हुए पूरे प्रदेश में एक समान शुल्क प्रणाली लागू की जाएगी।
एक जैसी होगी शुल्क दरें
अब तक प्रदेश के विभिन्न शहरों में म्यूटेशन शुल्क अलग-अलग लिया जा रहा था, जिससे नागरिकों को असमंजस का सामना करना पड़ता था। नई व्यवस्था लागू होने के बाद पूरे प्रदेश में यह शुल्क क्षेत्रफल या संपत्ति मूल्य के अनुसार एक समान होगा।
प्रस्तावित शुल्क कुछ इस प्रकार है:
भवन पंजीयन या वरासत (क्षेत्रफल के अनुसार)
भवन का क्षेत्रफल: शुल्क (रुपये में)
1000 वर्ग फीट तक: 1000
1001 से 2000 वर्ग फीट: 2000
2001 से 3000 वर्ग फीट: 3000
3000 वर्ग फीट से अधिक: 5000
भूखंड का पंजीकरण (संपत्ति मूल्य के अनुसार)
संपत्ति की कीमत: शुल्क (रुपये में)
5 लाख तक: 1000
5 लाख से 10 लाख: 2000
10 लाख से 15 लाख: 3000
15 लाख से 50 लाख: 5000
50 लाख से अधिक: 10,000
सदन से मंजूरी के बाद मांगे जाएंगे सुझाव
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी ने बताया कि यह आदेश फिलहाल प्रस्तावित है। इसे संबंधित नगर निकायों के मिनी सदन में प्रस्तुत किया जाएगा। सदन की स्वीकृति के बाद इसे गजट में प्रकाशित किया जाएगा और एक महीने तक शहरवासियों से आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे। इसके बाद अंतिम रूप से यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
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