71 नए महाविद्यालयों का उद्घाटन
1 जुलाई 2025 से राज्य के विभिन्न हिस्सों में 71 नए राजकीय महाविद्यालयों का संचालन शुरू हो जाएगा। यह एक बड़ा कदम है, क्योंकि इससे हजारों छात्रों को उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे। राज्य के अधिकारियों के अनुसार, अब तक 40 से अधिक महाविद्यालयों का हस्तांतरण पूरा किया जा चुका है और बाकी के महाविद्यालयों के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं।
1562 पदों पर भर्ती
इन नए महाविद्यालयों में कुल 1562 शिक्षण पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें 1065 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद होंगे। उच्च शिक्षा निदेशालय को इन पदों के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है, और भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी। इन पदों पर नियमित नियुक्ति होने तक, अन्य महाविद्यालयों के शिक्षकों को अस्थायी रूप से इन महाविद्यालयों में संबद्ध किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप
इन नए महाविद्यालयों का संचालन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत किया जाएगा। NEP के प्रावधानों के अनुसार, छात्रों को अब विज्ञान, वाणिज्य और कला तीनों वर्गों में पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा। इसका मतलब यह है कि छात्रों को विभिन्न विषयों में अंतरविषयक अध्ययन करने का मौका मिलेगा। उदाहरण के तौर पर, विज्ञान के छात्र संस्कृत या किसी अन्य कला विषय का अध्ययन कर सकते हैं, जो पहले संभव नहीं था।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में महाविद्यालयों की स्थापना
इन नए महाविद्यालयों की स्थापना राज्य के विभिन्न जिलों में की जाएगी। सबसे अधिक 13 महाविद्यालय बरेली में खोले जाएंगे, जबकि लखनऊ में 12, मेरठ में 10, आगरा और झांसी में 9-9, गोरखपुर में 4 और प्रयागराज में 2 महाविद्यालय स्थापित होंगे। इसके अलावा, कौशांबी जिले के सिराथू में भी एक महाविद्यालय खोला जाएगा। पहले इन महाविद्यालयों को पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर संचालित करने की योजना थी, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने स्वयं इन महाविद्यालयों का संचालन करने का निर्णय लिया हैं।
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