यूपी में परिवारों को राहत: खतौनी में दर्ज होगी जमीन

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के वनटांगिया परिवारों के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। वर्षों से अपनी जमीन के अधिकार के इंतजार में बैठे इन परिवारों को अब खतौनी में नाम दर्ज होने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। गोरखपुर के तीन वनग्रामों—तिनकोनिया नंबर-3, जंगल रामगढ़ और आजादनगर—में चकबंदी की प्रक्रिया तेज हो गई है। जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश के निर्देश पर गठित सात सदस्यीय समिति ने इन गांवों में सर्वेक्षण शुरू कर दिया है।

जमीन विवाद और विकास की राह होगी आसान

प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, सर्वेक्षण के दौरान गाटा संख्याओं की विसंगतियों को भी दूर किया जा रहा है। एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीत कुमार सिंह ने 5 मई को जारी पत्र में समिति से दो दिनों में रिपोर्ट मांगी थी, हालांकि विस्तृत सर्वे कार्य में अधिक समय लगने के कारण अब तिनकोनिया नंबर-3 की रिपोर्ट मंगलवार तक आने की संभावना है। तीनों गांवों की रिपोर्ट अगले 10 दिनों में तैयार कर ली जाएगी।

बुनियादी सुविधाओं के लिए जमीन का संकट

वनग्रामों में शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी ढांचे की भी कमी है। वर्तमान में एक कमरे में दो कक्षाओं के बच्चे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। साथ ही अस्पताल के लिए भी जगह नहीं मिल पा रही है। चकबंदी के बाद इन आवश्यकताओं के लिए जमीन आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।

ये अधिकारी संभाल रहे जिम्मेदारी

चकबंदी प्रक्रिया में उप संचालक चकबंदी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, प्रभागीय वनाधिकारी, चकबंदी अधिकारी रुस्तमपुर, सहायक अभिलेख अधिकारी, तहसीलदार सदर, नायब तहसीलदार और सर्वे विभाग के लेखपालों की सात सदस्यीय समिति शामिल है। इस कवायद के पूरा होने पर वनटांगिया परिवारों को न सिर्फ जमीन पर अधिकार मिलेगा, बल्कि सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों से भी उन्हें सीधे तौर पर लाभ मिल सकेगा।

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