यूपी में आज से शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों को स्कूल आना होगा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गर्मी की छुट्टियों के बाद 17 जून से परिषदीय विद्यालय खोल दिए गए हैं। हालांकि छात्रों के लिए छुट्टियाँ 30 जून तक बढ़ा दी गई हैं, लेकिन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों को स्कूल में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहना होगा। इस निर्णय को लेकर जहां एक ओर शासन की ओर से नए सत्र की तैयारी को प्राथमिकता दी जा रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में जारी भीषण गर्मी के बीच शिक्षकों को राहत न देने पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

विद्यालय खुले, पर बच्चे 1 जुलाई से आएंगे

बेसिक शिक्षा परिषद के अनुसार, इस समय शिक्षकों को स्कूलों में समय से पहुंचकर नए सत्र की तैयारी, रजिस्टरों की जांच, नामांकन प्रक्रिया और अन्य अधूरे कार्यों को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। लखनऊ के बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश ने बताया कि सभी 1618 परिषदीय विद्यालयों को समय से खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है और खंड शिक्षा अधिकारियों को विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।

नामांकन प्रक्रिया पर विशेष ध्यान

बेसिक शिक्षा विभाग ने इस अवधि को बच्चों के नामांकन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना है। जिन विद्यालयों में नामांकन शून्य है, उनकी समीक्षा की जा रही है। ऐसे में अभिभावकों से अनुरोध किया गया है कि वे विद्यालय जाकर बच्चों का नामांकन कराएं। यदि कोई स्कूल बंद मिले, तो उसकी सूचना विभाग को दी जा सकती है।

भीषण गर्मी में शिक्षकों की परेशानी

प्रदेश में लगातार बढ़ते तापमान और लू के थपेड़ों के बीच शिक्षकों को स्कूल बुलाए जाने पर असंतोष की स्थिति बन रही है। कई जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर शिक्षकों के लिए भी 30 जून तक की छुट्टी की मांग की है। कौशाम्बी से समाजवादी पार्टी के सांसद पुष्पेंद्र सरोज, एमएलसी आशुतोष सिन्हा, अरुण पाठक और डॉ. बाबूलाल तिवारी ने सुझाव दिया है कि शिक्षकों से आवश्यक कार्य ऑनलाइन घर से ही कराए जा सकते हैं।

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