चीन तेजी से बढ़ा रहा परमाणु शक्ति: एक नई चिंता!

न्यूज डेस्क। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की हाल ही में जारी वार्षिक रिपोर्ट ने वैश्विक सुरक्षा जगत में खलबली मचा दी है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने बीते एक साल में 100 नए परमाणु हथियारों को अपने शस्त्रागार में जोड़ा है और अब उसके पास कुल अनुमानित 600 परमाणु वारहेड्स हो चुके हैं। इस रफ्तार को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि 2030 तक चीन के पास यह संख्या 1000 तक पहुंच सकती है और 2035 तक यह 1500 हो सकती है।

चीन की परमाणु महत्वाकांक्षा: एक नई चिंता

रिपोर्ट में कहा गया है कि परमाणु हथियारों की होड़ एक बार फिर तेज होती दिख रही है, जिसमें चीन सबसे आक्रामक भूमिका निभा रहा है। SIPRI का कहना है कि चीन न केवल अपनी परमाणु संख्या बढ़ा रहा है, बल्कि आधुनिक और अधिक घातक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल्स (ICBMs) पर भी जोर दे रहा है। इस रफ्तार से चीन दशक के अंत तक रूस और अमेरिका की बराबरी तक पहुंच सकता है, कम से कम ICBMs की संख्या के मामले में।

वैश्विक परमाणु परिदृश्य: कौन कितना ताकतवर?

SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में परमाणु हथियारों के क्षेत्र में सक्रिय 9 देश हैं: अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल। इनमें अमेरिका और रूस के पास दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का लगभग 90% हिस्सा है।

SIPRI के डायरेक्टर की दुनिया को बड़ी चेतावनी 

SIPRI के डायरेक्टर डैन स्मिथ ने स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि दुनिया एक बार फिर "नए परमाणु युग" की ओर बढ़ रही है – जहां नियंत्रण की जगह प्रतिस्पर्धा और अपारदर्शिता ले रही है। चीन की तेजी से बढ़ती परमाणु क्षमता इस प्रतिस्पर्धा को और भी खतरनाक बना सकती है, खासकर तब, जब पारंपरिक हथियारों के साथ-साथ साइबर और अंतरिक्ष युद्ध के क्षेत्र भी खुलते जा रहे हैं।

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