इन नए विद्यालयों की स्थापना मथुरा, बलिया, पीलिभीत, मनकापुर (गोंडा), सरवनखेड़ा (कानपुर देहात), अमरोहा, महाराजगंज, अंबेडकरनगर और मैनपुरी जिलों में की जा रही है। समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक जे. राम के अनुसार, इन विद्यालयों में लगभग 2000 छात्रों के लिए शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है।
62 जिलों में पहुंचा सर्वोदय विद्यालयों
वर्तमान में प्रदेश के 58 जिलों में कुल 100 सर्वोदय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। नौ नए विद्यालयों के खुलने के साथ यह संख्या 109 हो जाएगी, और अब 62 जिलों में सर्वोदय विद्यालय कार्यरत होंगे। इनमें से 45 विद्यालयों में आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे दूरदराज़ के छात्रों को विशेष लाभ मिलेगा।
वंचित वर्गों को मिलेगा विशेष लाभ
सर्वोदय विद्यालयों में प्रवेश के लिए आरक्षण की विशेष व्यवस्था की गई है। कुल सीटों में से 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं जनजाति, 25 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग और 15 प्रतिशत सामान्य वर्ग के बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। साथ ही, 85 प्रतिशत सीटें ग्रामीण क्षेत्रों और 15 प्रतिशत शहरी क्षेत्रों के बच्चों के लिए आरक्षित हैं। यह व्यवस्था समाज के हर वर्ग तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है।
शिक्षा में सामाजिक न्याय की मिसाल
उत्तर प्रदेश में सर्वोदय विद्यालय न केवल शिक्षा का माध्यम बन रहे हैं, बल्कि सामाजिक समरसता, समान अवसर और आत्मनिर्भरता की ओर एक सशक्त कदम भी हैं। नि:शुल्क शिक्षा और आवासीय सुविधा जैसे कदम वंचित वर्गों के लिए आशा की नई किरण लेकर आए हैं।
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