यूपी में लेखपाल और नायब तहसीलदार: वेतन, भत्ते और पदोन्नति

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग में लेखपाल और नायब तहसीलदार की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। भूमि रिकॉर्ड के प्रबंधन से लेकर आम नागरिकों की शिकायतों के समाधान तक, ये दोनों पद प्रशासनिक ढांचे की रीढ़ माने जाते हैं। हालांकि कार्य की प्रकृति अलग-अलग होती है, लेकिन दोनों पदों पर अच्छी सैलरी, भत्ते और भविष्य में पदोन्नति की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद हैं।

लेखपाल का वेतन और भत्ते

वर्तमान में उत्तर प्रदेश में लेखपालों को 7वें वेतन आयोग के अनुसार वेतनमान दिया जाता है। लेखपाल का वेतनमान 5200-20200 रुपये के बीच है, जिसमें 2000 रुपये का ग्रेड पे भी शामिल होता है। इसके अलावा उन्हें विभिन्न प्रकार के भत्ते भी मिलते हैं:

लेखपाल का प्रमोशन 

लेखपाल का प्रमोशन राजस्व निरीक्षक (Revenue Inspector) के पद पर होता है, जिसे कानूनगो भी कहा जाता है. इसके लिए, लेखपाल को विभागीय परीक्षा पास करनी होती है. इसके बाद, 5 से 10 साल के अनुभव के आधार पर, लेखपाल का प्रमोशन राजस्व निरीक्षक के पद पर हो सकता है।

नायब तहसीलदार का वेतन

नायब तहसीलदार एक राजपत्रित अधिकारी होता है, जिसका वेतनमान 9300-34800 रुपये है, साथ ही 4200 रुपये का ग्रेड पे निर्धारित किया गया है। यह पद लेखपाल से कहीं अधिक वरिष्ठ और जिम्मेदारीपूर्ण होता है। भत्तों की सूची में महंगाई भत्ता, यात्रा भत्ता (TA), मकान किराया भत्ता (HRA), सरकारी वाहन (कुछ मामलों में), अन्य प्रशासनिक सुविधाएं मिलती हैं।

पदोन्नति की संभावनाएं

नायब तहसीलदार का प्रमोशन आमतौर पर तहसीलदार के पद पर होता है। यह प्रमोशन पदोन्नति समिति (Departmental Promotion Committee - DPC) की सिफारिशों के आधार पर किया जाता है। नायब तहसीलदार को तहसीलदार बनने के लिए आमतौर पर 5 साल की सेवा पूरी करनी होती है।

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