राफेल Vs तेजस मार्क-2: जानें विदेशी और देशी जेट में क्या है अंतर

नई दिल्ली। भारत की रक्षा क्षमता लगातार मजबूत हो रही है। एक ओर फ्रांस से आयातित राफेल जेट हैं, तो दूसरी ओर देश में विकसित हो रही तेजस मार्क-2 जेट को लेकर बड़ी उम्मीदें हैं। राफेल जहां तुरंत प्रभावी और उच्च क्षमतावान लड़ाकू विमान है, वहीं तेजस मार्क-2 भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक बनकर उभर रहा है। यह साल 2026 में पहली उड़ान भर सकता हैं। 

1. उत्पत्ति और निर्माण

राफेल: फ्रांसीसी कंपनी Dassault Aviation द्वारा निर्मित है। यह एक पूर्णतः विदेशी तकनीक पर आधारित विमान है।

तेजस मार्क-2: यह भारत में HAL (Hindustan Aeronautics Limited) द्वारा विकसित किया जा रहा है और स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।

2. इंजन और शक्ति

राफेल: इसमें दो Snecma M88 टर्बोफैन इंजन हैं, जो उच्च शक्ति और अधिकतम गति प्रदान करते हैं। जो इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं।

तेजस मार्क-2: आपको बता दें की तेजस मार्क-2 में एक GE-F414 इंजन होगा, जो इसे तेजस मार्क-1 से अधिक ताकतवर बनाएगा।

3. उड़ान रेंज और गतिशीलता

राफेल: इसकी स्पीड 2,222 किलोमीटर प्रति घंटा है, जिससे यह अन्य फाइटर जेट्स से कई ज्यादा तेज है। यह लंबी दूरी तक मिशन में सक्षम है।

तेजस मार्क-2: तेजस मार्क 2 की अधिकतम गति 2385 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह विमान 2500 किलोमीटर की रेंज तक उड़ान भर सकता है

4. टेक्नोलॉजी और रडार सिस्टम

राफेल: इसमें AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और ‘Spectra’ जैसे उन्नत सुरक्षा फीचर्स हैं।

तेजस मार्क-2: इसमें भी AESA रडार और आधुनिक एवियोनिक्स होंगे, लेकिन कुछ तकनीकें आयातित रहेंगी।

5. शस्त्र प्रणाली और हथियार क्षमता

राफेल: यह Meteor, Scalp और MICA जैसे एडवांस मिसाइल सिस्टम से लैस है।

तेजस मार्क-2: इसमें भी अक्तियार विकल्प होंगे, जैसे Astra मिसाइल और स्वदेशी हथियार प्रणालियाँ, ब्रह्मोस मिसाइल आदि।

5 .फाइटर जेट का जनरेशन 

राफेल: 4.5वीं पीढ़ी (4.5th Generation) का मल्टीरोल फाइटर जेट

तेजस मार्क-2: 4.5वीं पीढ़ी (प्रस्तावित) का मल्टीरोल फाइटर

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