मानदेय में डेढ़ गुना तक बढ़ोतरी
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, अब मुखिया को हर महीने ₹7,500 मिलेंगे, जो पहले ₹5,000 हुआ करते थे। उपमुखिया का मानदेय ₹2,500 से बढ़ाकर ₹3,750 कर दिया गया है। वहीं वार्ड सदस्यों को अब ₹2,400 मिलेंगे, जबकि पहले उन्हें ₹1,600 प्रति माह मिलते थे।
इसके अलावे बिहार में सरपंच और पंचों के मानदेय में भी इसी अनुपात से बढ़ोतरी की गई है, जिससे गांव स्तर पर काम कर रहे प्रतिनिधियों को आर्थिक मजबूती मिलेगी और वे अधिक प्रभावशाली ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे।
मनरेगा योजनाओं की स्वीकृति सीमा भी बढ़ी
सिर्फ मानदेय ही नहीं, सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को और अधिक अधिकार देने की दिशा में भी एक कदम उठाया है। अब ग्राम पंचायत के मुखिया को मनरेगा योजनाओं की स्वीकृति के लिए ₹10 लाख तक की परियोजनाएं मंजूर करने की अनुमति दी गई है, जबकि पहले यह सीमा सिर्फ ₹5 लाख थी। इससे पंचायत स्तर पर विकास कार्यों की रफ्तार तेज होगी और छोटे-छोटे कामों के लिए बार-बार जिला स्तर की मंजूरी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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