महंगाई भत्ते में वृद्धि के पीछे का गणित
DA की गणना औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) पर आधारित होती है। श्रम मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, जून 2025 में CPI-IW की संख्या 145 हो गई है, जो पिछले महीने की तुलना में 1 अंक अधिक है। साथ ही जुलाई 2024 से जून 2025 तक के औसत CPI-IW 143.6 दर्ज किया गया है। इस औसत इंडेक्स के आधार पर महंगाई भत्ते की गणना की जाती है, और इसी कारण इस बार 3% की वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है।
वेतन में होगा कितना इजाफा?
मान लीजिए किसी कर्मचारी का मूल वेतन ₹40,000 है। वर्तमान में 55% DA के अनुसार उसे ₹22,000 महंगाई भत्ता मिलता है। अगर DA 58% हो जाता है तो यह राशि बढ़कर ₹23,200 हो जाएगी। इसका मतलब यह है कि कर्मचारी की मासिक सैलरी में ₹1,200 का इजाफा होगा। इसके अलावा, DA की बढ़ोतरी के कारण ट्रैवल अलाउंस (TA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA) समेत कई अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी होती है, जिससे कुल आय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पिछली वृद्धि से आई नाराज़गी
जनवरी 2025 में सरकार द्वारा केवल 2% DA बढ़ाने का निर्णय कर्मचारियों के लिए निराशाजनक रहा था। पिछले कई वर्षों में 4% या उससे अधिक की बढ़ोतरी आम रही है, लेकिन इस बार न्यूनतम वृद्धि से कई कर्मचारियों और पेंशनर्स में असंतोष देखा गया था। इस बार 3% की संभावित वृद्धि इस नाराज़गी को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
त्योहारों के मौके पर राहत
महंगाई भत्ते में वृद्धि न केवल कर्मचारियों की जेब को तगड़ा बनाएगी, बल्कि त्योहारों के मौसम में खरीददारी और मांग को भी बढ़ावा देगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से न केवल सरकारी कर्मचारियों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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