क्या होता है महंगाई भत्ता (DA)?
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को दी जाने वाली एक अतिरिक्त राशि होती है, जिसका उद्देश्य बढ़ती महंगाई के असर को कुछ हद तक संतुलित करना होता है। यह भत्ता हर छह महीने में संशोधित किया जाता है और इसकी गणना महंगाई दर (Consumer Price Index – CPI) के आधार पर तय फॉर्मूले से की जाती है।
जुलाई-दिसंबर 2025 का DA हाइक?
2025 की पहली छमाही (जनवरी-जून) के लिए महंगाई भत्ते में पहले ही वृद्धि की जा चुकी है। अब दूसरी छमाही यानी जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए संशोधित DA की घोषणा बाकी है। चूंकि पिछले कुछ महीनों में खुदरा महंगाई दर में हल्का-फुल्का उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इस बार DA में 3% से 4% तक की बढ़ोतरी संभव है।
कब हो सकती है घोषणा?
स्रोतों से मिल रही जानकारी के अनुसार, सरकार अक्टूबर के आसपास यानी दिवाली से ठीक पहले इस घोषणा को सार्वजनिक कर सकती है। यह परंपरा रही है कि सरकार बड़े त्योहारों से पहले कर्मचारियों को कोई न कोई वित्तीय तोहफा देती है, जिससे उनके त्योहारी खर्च में कुछ राहत मिल सके।
7वें वेतन आयोग के तहत DA की गणना
वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन 7वें वेतन आयोग के तहत तय होता है। इसके अंतर्गत DA की गणना 12 महीने के ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आधार पर होती है। हर छह महीने में AICPI के आंकड़ों के आधार पर सरकार यह तय करती है कि महंगाई भत्ते में कितनी बढ़ोतरी की जानी चाहिए।
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