अभियान की तैयारियों के तहत भूमि अभिलेखों में मौजूद त्रुटियों को जल्दी से सुधारकर आम जनता को राहत देना है, जिससे जमीन मालिकों को प्रशासनिक परेशानियों का सामना न करना पड़े। अभियान के तहत जमाबंदी त्रुटि सुधार, उत्तराधिकारी नामांतरण, बंटवारा नामांतरण और छूटी हुई जमाबंदियों का डिजिटलीकरण जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके लिए राजस्व कर्मचारियों और सर्वे अमीनों को जिले व अंचल स्तर पर प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे फील्ड में बेहतर कार्य कर सकें और आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान कर सकें। 16 से 19 अगस्त के बीच ऑनलाइन जमाबंदी पंजी के प्रिंट सहित तीन प्रकार के महत्वपूर्ण प्रपत्र सीधे जमीन मालिकों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
इसके बाद 20 अगस्त से हल्का वार शिविर आयोजित किया जाएगा, जहां राजस्व विभाग के कर्मचारी और सर्वे अमीन लैपटॉप के माध्यम से आवेदनों को ऑनलाइन दर्ज कराएंगे। शिविर का आयोजन स्थानीय स्तर पर किया जाएगा और एक सप्ताह बाद पुनः उसी स्थान पर दूसरा शिविर लगाया जाएगा, ताकि सभी आवेदनों का निष्पादन सुनिश्चित किया जा सके।
यह अभियान न केवल भूमि दस्तावेजों की गुणवत्ता सुधारने में मदद करेगा, बल्कि इससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में भी पारदर्शिता और तेजी आएगी। बिहार सरकार की यह पहल जमीन मालिकों के लिए राहत और सुविधा लेकर आई है, जो भूमि से जुड़े विवादों और असुविधाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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