वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी
राज्य के शिक्षक संघ और कई व्यक्तिगत शिक्षक वर्षों से यह मांग कर रहे थे कि स्थानांतरण की प्रक्रिया पारदर्शी और सरल होनी चाहिए। खासकर वे शिक्षक जो दूर-दराज के जिलों में कार्यरत थे, अपने परिवार से दूर कठिन परिस्थितियों में नौकरी कर रहे थे। अब मुख्यमंत्री के इस फैसले से उन्हें घर के करीब स्थानांतरण पाने का मौका मिलेगा।
नई व्यवस्था में क्या है खास?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि अब शिक्षक इंटर-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसफर के लिए आवेदन करते समय तीन जिलों का विकल्प दे सकेंगे। शिक्षा विभाग इन्हीं में से किसी एक जिले में शिक्षक का पदस्थापन सुनिश्चित करेगा। साथ ही, जिले के अंदर तबादलों की जिम्मेदारी एक विशेष समिति को दी गई है, जिसकी अध्यक्षता जिला पदाधिकारी करेंगे। यह समिति कोशिश करेगी कि शिक्षक की पोस्टिंग उसकी पसंद के प्रखंड या उसके निकटवर्ती क्षेत्र में हो, ताकि बार-बार तबादले के लिए परेशान न होना पड़े।
शिक्षकों के लिए भरोसे और सम्मान का संकेत
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में शिक्षकों की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज की नींव मजबूत करते हैं और बच्चों का भविष्य गढ़ते हैं। यह नई नीति शिक्षकों के प्रति राज्य सरकार की सकारात्मक सोच और उनके योगदान को सराहने का संकेत है।
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