निजी स्थानों से काम करने पर रोक
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर सख्त निर्देश दिए हैं। पत्र में कहा गया है कि अब से कोई भी राजस्व कर्मी निजी स्थानों से काम नहीं करेगा। सभी हल्का कर्मियों और राजस्व कर्मचारियों को निर्धारित सरकारी परिसर जैसे अंचल कार्यालय, पंचायत सरकार भवन, राजस्व कचहरी या सामुदायिक भवन से ही कार्य करना होगा।
विभाग को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि कई हल्का कर्मचारी निजी जगहों पर अपना "अस्थायी कार्यालय" बनाकर राजस्व कार्य निपटा रहे हैं। इससे न सिर्फ पारदर्शिता प्रभावित होती है बल्कि भ्रष्टाचार की संभावनाएं भी बढ़ती हैं।
दलालों पर विभाग की नजर
कुछ मामलों में यह भी सामने आया है कि अंचल अधिकारियों के लैपटॉप और डोंगल का इस्तेमाल निजी दलाल कर रहे थे। शिकायतों में यह भी कहा गया कि आवेदकों से अवैध वसूली हो रही है और इसके पीछे कर्मचारियों तथा स्थानीय दलालों की मिलीभगत है। विभाग ने इसे बेहद गंभीर मुद्दा मानते हुए तत्काल कार्रवाई का निर्णय लिया है।
औचक निरीक्षण के आदेश
सचिव जय सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे अपने स्तर पर सख्त मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। DCLR, SDO और ADM स्तर के अधिकारी नियमित रूप से औचक निरीक्षण करेंगे ताकि जमीनी स्तर पर किसी भी प्रकार की अनियमितता पर तुरंत रोक लगाई जा सके।
कार्यालय स्थल की सूची सार्वजनिक की जाएगी
विभाग ने यह भी आदेश दिया है कि सभी राजस्व कर्मचारियों के वास्तविक कार्यालय स्थल की सूची अंचल कार्यालय और पंचायत सरकार भवन में प्रमुखता से चिपकाई जाए। इसमें संबंधित कर्मचारी का नाम और संपर्क नंबर भी शामिल होगा, ताकि आम लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई
सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश है कि एक सप्ताह के अंदर अपने-अपने क्षेत्र का निरीक्षण कर रिपोर्ट दें कि कहीं किसी हल्का (पंचायत) में निजी कार्यालय तो नहीं चल रहा। यदि निरीक्षण के दौरान कोई भी अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ सख्त अनुशासनिक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पारदर्शिता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
राजस्व विभाग का यह कदम आम जनता के लिए राहत का संकेत है। निजी कार्यालयों, दलालों और अवैध वसूली की शिकायतें लंबे समय से लोगों को परेशान कर रही थीं। अब नई सख्ती से उम्मीद है कि जमीन से जुड़े कामों में पारदर्शिता बढ़ेगी तथा लोगों को बिना अनावश्यक दौड़-भाग और खर्च के सरकारी सेवाएं मिल सकेंगी।

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