1. अग्नि-6 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल
रेंज: 10,000 से 12,000 किमी (अपेक्षित)
अग्नि श्रृंखला की सबसे शक्तिशाली मिसाइल, अग्नि-6, भारत को एक ट्रू इंटरकॉन्टिनेंटल क्षमता देने वाली है। यह मिसाइल Multiple Independently Targetable Reentry Vehicles (MIRVs) से लैस होगी, यानी एक साथ कई निशानों को अलग-अलग नष्ट कर सकेगी। इसकी रेंज अमेरिका, यूरोप और एशिया के किसी भी हिस्से तक पहुंचने में सक्षम होगी।
2. ब्रह्मोस-2 हाइपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल
गति: माक 7 (ध्वनि की गति से 7 गुना तेज)
भारत-रूस संयुक्त परियोजना का अगला संस्करण, ब्रह्मोस-2, हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित है। यह मिसाइल इतनी तेज होगी कि किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देना मुश्किल होगा। चीन और पाकिस्तान के लिए यह मिसाइल एक बड़ा सिरदर्द साबित हो सकती है।
3. के-6 सबमरीन लॉन्च्ड बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM)
रेंज: 8,000-10,000 किमी (अनुमानित)
भारत की समुद्री न्यूक्लियर डिटरेंस रणनीति का अगला बड़ा कदम K-6 मिसाइल है, जो न्यूक्लियर-सक्षम पनडुब्बियों से दागी जा सकेगी। इसका विकास भारत की स्ट्रेटजिक फोर्स कमांड के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। यह मिसाइल शत्रु देशों की तटरेखा से हजारों किलोमीटर दूर रहकर भी उन्हें जवाब देने में सक्षम होगी।
4. AMCA – भारत का 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट
विशेषताएं: स्टील्थ टेक्नोलॉजी, सुपरक्रूज़, AI आधारित अवियॉनिक्स
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और DRDO द्वारा विकसित किया जा रहा AMCA भारत का पहला स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट होगा। यह विमान न केवल रडार से बचने में सक्षम होगा, बल्कि हवा से हवा और हवा से जमीन तक सभी प्रकार के आधुनिक हथियारों से लैस रहेगा। इसका पहला प्रोटोटाइप 2028 तक उड़ान भर सकता है।
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