उन्होंने बताया कि दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए भी विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से सात हजार से अधिक विशेष शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह कदम राज्य सरकार की समावेशी और संवेदनशील शिक्षा नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना है।
स्थानांतरण की प्रक्रिया जून के अंत तक पूरी होगी
मंत्री सुनील कुमार ने शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जून के अंत तक स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। जिन शिक्षकों के आवेदन अभी विचाराधीन हैं, उनके मामलों की समीक्षा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, "हम शिक्षकों के स्थानांतरण में संतुलन बना रहे हैं ताकि किसी भी विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। बच्चों की शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए मॉनीटरिंग तेज कर दी गई है।" इसके लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।
शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
राज्य सरकार द्वारा लिए गए ये फैसले शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। विशेष शिक्षकों की नियुक्ति दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाएगी, वहीं अनुकंपा आधारित नियुक्तियों से कई परिवारों को राहत मिलेगी। बिहार सरकार की यह पहल दर्शाती है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक न्याय और समावेशिता को लेकर गंभीर है। अब देखना यह होगा कि इन नीतियों को जमीनी स्तर पर कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है।
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