अब तक इस प्रक्रिया में लगभग चार महीने का समय लगता था, लेकिन सरकार ने इसे एक महीने कम कर दिया है। इसके साथ ही पारदर्शिता और त्वरित निस्तारण के लिए एसएमएस अलर्ट सिस्टम की भी शुरुआत की जा रही है, जिससे लाभार्थियों को उनके फॉर्म की स्थिति की जानकारी समय-समय पर मिलती रहेगी।
लाभार्थियों की संख्या 35.30 लाख
राज्य में वर्तमान में 35.30 लाख निराश्रित महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं। इन महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की पेंशन दी जा रही है, जिसे अब सीधे उनके आधार से लिंक बैंक खाते में भेजने की व्यवस्था की गई है। महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर के अनुसार, अब पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और चरणबद्ध किया गया है ताकि हर पात्र महिला को समय पर सहायता मिल सके।
आवेदन प्रक्रिया होगी और सुगम
नई प्रक्रिया के तहत, जब कोई महिला पति की मृत्यु के बाद पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन करेगी, तो: 30 दिनों के भीतर ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखपाल, नगर निकाय कर्मी व अन्य संबंधित अधिकारी उसका प्राथमिक सत्यापन करेंगे।
इसके बाद 15 दिनों के भीतर खंड विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी और नगर मजिस्ट्रेट द्वारा द्वितीय जांच की जाएगी। अगले 15 दिनों में जिला स्वीकृति और अनुश्रवण समिति इसकी अंतिम स्वीकृति प्रदान करेगी। फिर एक महीने के भीतर एनआईसी (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) द्वारा डिजिटल सत्यापन कर पेंशन की राशि महिला के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
पात्रता के मानक
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगा जो: उत्तर प्रदेश की मूल निवासी हों। जिनकी परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपये से कम हो और जो अपने पति की मृत्यु के बाद निराश्रित हो चुकी हैं। इन महिलाओं को पेंशन दी जाएगी।
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